Monday, November 18, 2024

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Sarai Kale Khan Ground Report

शिव की भक्त हो गई है वह खुशी अहमद, जिसकी सुमित से शादी के बाद मुस्लिम भीड़ ने दलित बस्ती पर किया था हमला

सुमित और खुशी अब सराय काले खाँ की उस दलित बस्ती में लौट चुके हैं, जिस पर सालभर पहले मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। लेकिन इनकी परेशानियाँ अब भी बनी हुई है।

सहेली सबीना ही जान की दुश्मन, सराय काले खाँ में दलितों पर हमले की साजिश उसी की: पुलिस को 3 और की तलाश

बस्ती के लोगों ने कहा कि वो प्रशासन से माँग करते हैं कि सुलेमान की बेटी सबीना सहित सभी हमलावरों को सजा हो। सबीना ने ही बस्ती में खून की होली खेलने की धमकी दी थी।

‘अगर महिलाएँ और बच्चे शोर नहीं मचाते तो पूरी वाल्मीकि बस्ती को जला देती मुस्लिम भीड़’: सराय काले खाँ की काली रात

मुस्लिम भीड़ गाड़ी तोड़ने के बाद उसी में से पेट्रोल निकालकर बस्ती जलाने की कोशिश में थे, मगर बस्ती के लोगों और महिलाओं की सक्रियता ने इस हादसे को होने से बचा लिया।

‘हमारा जीवन खतरे में, वो दंगा-फसाद कर रहे’: शादीशुदा दलित युवक व मुस्लिम युवती ने PM मोदी से लगाई सुरक्षा की गुहार

मुस्लिम समाज की लड़की के परिजनों ने सराय काले खाँ की दलित बस्ती में हमला किया था। अब शादीशुदा जोड़े ने पीएम मोदी से सुरक्षा की माँग की है।

‘वे गाली दे रहे थे, कहा हमें दे दो, काट देंगे’: दलित सुमित की माँ की जुबानी सुनिए ‘काले खाँ’ की पूरी कहानी

"डर की वजह से राजीनामा के बाद उन्हें अपने घर लेकर नहीं आई। उन लोगों ने उनके घर में तोड़फोड़ की। घर में आग लगाने की कोशिश की। अगर उस दिन घर पर वो लोग होते वो मार दिए जाते।"

मुस्लिम भीड़ का तलवारों से हमला, घरों में आग लगाने की कोशिश, भं* कहा: सुनें सराय काले खाँ की पीड़िता को

मुस्लिम हमलावरों के हाथों में तलवार, चाकू, छूरी, बंदूकें और डंडे आदि थे। पीड़ितों का कहना है कि चूँकि वो लोग जगे हुए थे, इसलिए बच गए। हमलावरों ने महिलाओं के बाल पकड़ कर भी खींचे।

मस्जिद के पास से ईंट-पत्थर लेकर शुरू हुआ हमला: दिल्ली के सराय काले खाँ में दलित बस्ती पर आतंक की कहानी

दिल्ली के सराय काले खाँ में दलित बस्ती में आतंक की कहानी जाननी है तो वहाँ की गलियों में चलिए, जिसे उस रात चारों तरफ से घेर लिया गया था।

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