जामिया के छात्रों ने कहा कि माहौल ऐसा बना दिया गया है जैसे शरजील कोई देशद्रोही हो। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि देश में नफरत का माहौल बना दिया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शरजील इमाम की विचारधारा से डरते हैं। उन्होंने धमकाया कि हज़ारों शरजील पैदा होंगे।
देशद्रोह के आरोपित और जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को गुवाहाटी की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। यहाँ कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए उसे 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। शरजील ने...
देशद्रोह के मामले में अभियोग चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत दिल्ली सरकार की मॅंजूरी जरूरी है। बिना इसके कोर्ट दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकती।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामला चलाने के लिए अभी तक राज्य सरकार ने मॅंजूरी नहीं दी है। इसके बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजने के निर्देश दिए।
केस में बुधवार (फरवरी 5, 2020) को जामिया के तीन छात्रों से पूछताछ की गई थी। जिन्हें शरजील के फोन से मिले सबूतों के आधार पर नोटिस देकर जाँच में शामिल होने के लिए कहा गया था। इन छात्रों की पहचान शाहनवाज, सनाउल्लाह और सिद्धार्थ के रूप में हुई है।
उसने मस्जिदों में भड़काऊ पर्चे बँटवाए थे। उसने सीएए और एनआरसी को लेकर कई पैम्पलेट तैयार किए थे, जिनमें भयभीत करने वाली भड़काऊ बातें लिखी हुई थी। उन पर्चों की प्रति भी जब्त कर ली गई है और उस दुकान को भी चिह्नित कर लिया गया है, जहाँ उन्हें छपवाया गया था।
उसके चाचा अरशद इमाम ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने के लिए उनके भतीजे का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं शरजील की अम्मी ने कहा है कि मेरा बेटा निर्दोष है। परिवार ने कहा कि उन्हें संविधान पर पूरा भरोसा है।
शरजील की लास्ट लोकेशन पटना में मिली है। बिहार पुलिस को शक है कि वो बॉर्डर के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में हो सकता है। इस संभावना को देखते हुए बिहार-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी किया गया है। शरजील की माँ अपने बेटे को मीडिया के माध्यम से कह रही है कि वो सरेंडर कर दे लेकिन...
इन पोस्टर पर साफ तौर से ‘Support Sharjeel Imam’ लिखा हुआ देखा जा सकता है। शरजील इमाम शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन का मास्टरमाइंड है और उसने अलीगढ़ में एक सभा के दौरान भारत को तोड़ने वाला देशद्रोही बयान दिया था।
"यह कहते हैं सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है। इन गद्दारों की बात सुनकर कैसे मान लूँ कि इनका खून शामिल है, यहाँ की मिट्टी में? कह रहा है असम को काट कर हिंदुस्तान से अलग कर देंगे।"