Sunday, November 17, 2024

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Shaheen Bagh

‘मोदी मर जा तू’ गाने वाली महिलाओं के बाद ‘किसानों के बच्चों’ का इस्तेमाल: किसान ‘आंदोलन’ बना शाहीन बाग

वीडियो में एक चौथी कक्षा का बच्चा बैनर लिए बोलता नजर आ रहा है, जिसे देख मन में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या उस मासूम को इस बात की जानकारी भी है कि प्रदर्शन किस चीज को लेकर है?

विरोध कृषि कानूनों का, पैदावार नफरत की: किसानों की आड़ में उमर खालिद और शरजील को समर्थन के मायने

किसान आंदोलन के पीछे छिपी मंशा पर सवाल बेवजह नहीं है। चाहे वह खालिस्तानी ताकतों की घुसपैठ हो या फिर उमर खालिद और शरजील इमाम के लिए दिखा समर्थन।

‘हमने MP और शाजापुर को शाहीन बाग बना दिया’: जमानत देते हुए अनवर से हाईकोर्ट ने कहा- जाकर काउंसलिंग करवाओ

सीएए-एनआरसी को लेकर भड़काऊ मैसेज भेजने वाले अनवर को बेल देते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने काउंसलिंग का आदेश दिया है।

‘₹100 में उपलब्ध हैं शाहीन बाग वाली दादी बिल्किस बानो’ – कंगना रनौत को कानूनी नोटिस, डिलीट कर दिया था विवादित ट्वीट

'दादी' बिल्किस बानो के 'किसान आंदोलन' में भाग लेने की खबर के बाद कंगना रनौत ने टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें कानूनी नोटिस भेजा गया ।

किसान आंदोलन या दूसरा शाहीन बाग? अजीत भारती का विश्लेषण | Ajeet Bharti Analysing Farmer Protests

इस आंदोलन में एक ऐसा समूह है जो हर किसी को बरगलाना चाहता है। सीएए के दौरान ऐसा ही शाहीन बाग में देखने को मिला था।

‘शाहीन बाग रिटर्न्स’: गाजीपुर में आंदोलनकारी ‘किसानों’ के बीच बँटी बिरयानी, नेटिजन्स बोले- आ गया सीजन 2

गाजीपुर में 'किसानों' के बीच बिरयानी बँटने का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया में यूजर्स शाहीन बाग 'प्रदर्शन' से इसको जोड़ रहे हैं।

सुदर्शन न्यूज के जनता मार्च को दिल्ली पुलिस ने कहा ‘अवैध धरना’: लोगों ने पूछा- शाहीन बाग में कहाँ थे?

लोगों का पूछना है कि आखिर जिस तरह से इंडिया गेट पर सुदर्शन टीवी के साथ खड़े प्रदर्शनकारियों को हटाया गया, वैसे ही समान बल का प्रयोग शाहीन बाग में क्यों नहीं किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग को माना गलत, लेकिन देर हो चुकी है | Ajeet Bharti on SC Shaheen Bagh verdict

इतने महीनों बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के क्या मायने हैं? क्या इससे यह सुनिश्चित होगा कि आगे कोई शाहीन बाग पैदा नहीं होगा।

मी लॉर्ड! शाहीन बाग पर आपके फैसले की बत्ती बना कर बीरबल जैसे देखते रहने के अलावा क्या विकल्प है?

यहाँ कट्टरपंथी और वामी-कामी गिरोह सत्तू-नमक बाँध कर बैठा है कि जब तक दो भी जिंदा रहेगा आपसे में ही लड़ मरेंगे, एक ही बचा तो हाथ में तलवार और पैर के अँगूठे और दूसरी उँगली के बीच में कटार फँसा कर लड़ता रहेगा। उसका जन्म ही अराजकता फैलाने के लिए हुआ है, हिंसा उसकी नियति है, हिन्दूघृणा उसका न बदल सकने वाला पाठ्यक्रम है, आग लगाना उसकी मनोवृत्ति है, दंगा उसके लिए मजहबी आयोजन है…

‘बधाई हो! आपको दादी हुई है: मोदी नहीं पसंद तो उतारो बिलकिस बानो को, मैं तो कह रहा हूँ- मम्मी हटाओ, दादी लाओ’

"आप लोगों को दादी हुई है। आप लोग रखो न। आप प्रधानमंत्री के खिलाफ खड़ा भी कर दो दादी (बिलकिस बानो के संदर्भ में बोलते हुए) को। किसने मना किया है।"

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