एक साल में 'वन्दे भारत एक्सप्रेस' ने 3.8 लाख किलोमीटर की यात्रा तय की है और 92.29 करोड़ रुपए की कमाई की है। इसे फरवरी 15, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था।
कुछ मीडिया संस्थानों ने जितना इस विकास यात्रा को कवर नहीं किया था, उससे ज़्यादा ये साबित करने में लग गए कि ट्रेन अपनी पहली यात्रा में ही ख़राब हो गई। व्यक्तिगत रूप से ख़ार खाए कुछ तथाकथित पत्रकार बड़ी चालाकी से मवेशी हिट की घटना को छिपा गए।
"देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ ही हर क्षेत्र में रोजगार और देश के समुचित बुनियादी विकास को गति मिलेगी। हमारा लक्ष्य नॉर्थ ईस्ट सहित सम्पूर्ण भारत के विकास को गति देना है।"
मेक इन इण्डिया के तहत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में निर्मित बदलते भारत की तस्वीर पेश करती वन्दे भारत एक्सप्रेस में ऐसी कई खूबियाँ हैं जो ट्रेन यात्रा को सुगम, समयबद्ध और आरामदायक बनाते हुए दिल्ली से वाराणसी की यात्रा को महज़ 8 घंटे में समेट देती है।
जहाँ एक तरफ देश पुलवामा में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों को लेकर शोक मना रहा था, वहीं दूसरी ओर दिव्या स्पंदना ने NDTV की आधी-अधूरी रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए ट्रेन-18 के बारे में झूठी ख़बर फैलाते हुए ट्रेन को विफल बताया।
ट्रेन-18 को बनाने में भारत को लगभग 100 करोड़ रुपए का खर्च आया है। ट्रेन सेट्स बनाने की यह तकनीक दुनिया में सबसे किफ़ायती है, यही कारण है कि कई देश इसे खरीदने में दिलचस्पी ले रहे हैं
देश में तैयार सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी 'ट्रेन 18' आधिकारिक रूप से भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ी घोषित कर दी गई है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी।