"गुजरात ने हमें सब कुछ दिया है, हम लौटेंगे।" वीडियो में 2:25 पर, कृष्णावती और एक अन्य प्रवासी श्रमिक को गुजरात की भूमि पर झुककर नमन करते हुए देखा जा सकता है जो उनकी आजीविका का स्रोत रहा है।
ये सवाल उठता है कि तब पुलिस और प्रशासन क्या कर रहा था, जब ये भीड़ जुटनी शुरू हुई। क्या पुलिस देखती रही और भीड़ जुटती रही? क्या महाराष्ट्र सरकार ने न्यूज़ चैनल से सम्पर्क कर के बताया कि स्पेशल ट्रेनें नहीं चलेंगी?
विपक्षी दलों को दिक्कत बुलेट ट्रेन से नहीं है। उनका विरोध राजनीतिक ओछेपन के अलावा कुछ नहीं है। उनको दिक्कत इस बात से है कि यदि यह परियोजना समय पर पूरी हो जाएगी तो इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को जाएगा।
इस ट्रेन में 857 लोग यात्रा कर रहे थे और त्रासदी और भी भयंकर हो सकती थी। रेलवे कमिश्नर ने भी कहा है कि इस्लामिक मिशनरी के सदस्यों द्वारा लाए गए गैस सिलिंडर के कारण ही आग लगी। मरने वालों में अधिकतर इस्लामिक मिशनरी संगठन के लोग हैं।
हावड़ा से नई दिल्ली आते हुए पूर्वा एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या: 12303) एक दुर्घटना की शिकार हो गई। खबरों की मानें तो ट्रेन दो हिस्सों में बँटने के कारण देर रात बेपटरी हो गई थी। जिसके कारण ट्रेन के 12 डिब्बे पलट गए। इस घटना में कुछ यात्रियों के...