सईदा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस ने सईदा के शौहर और ससुराल वालों के ख़िलाफ़ दहेज उत्पीड़न और हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
महिला के मुताबिक ससुरालवाले उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। पति ने रिक्शा खरीदने के लिए 40 हजार रुपए दहेज में लाने को कहा था। पैसा नहीं मिलने पर पति ने जान से मारने की धमकी दी और तीन तलाक देकर उसे घर से निकाल दिया।
मेरा हक़ फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी का कहना कि वर्तमान सरकार ने ट्रिपल तलाक़ बिल को लाकर अपनी नीयत साफ़ कर दी है जिससे यह पता चलता है कि वो तीन तलाक़ पर रोक लगाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
“हर कोई कह रहा था कि मुझे खुद घर छोड़ देना चाहिए वर्ना वे मुझे घर से ज़बर्दस्ती बेदखल कर देंगे। मुझे जान से मारने की धमकियाँ भी मिल रही हैं। मैं सुरक्षा की माँग करती हूँ। मैं अपने बेटे के साथ अकेले रहती हूँ ऐसे में मेरे साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है।”
पति द्वारा इस तरह की हरकत किए जाने से दुःखी पीड़िता ने भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत की है। भोईवाड़ा थाने के वरिष्ठ निरीक्षक कल्याण कार्पे ने बताया कि उन्हें पीड़ित दिव्यांग महिला की ओर से सोमवार को शिकायत मिली है। पुलिस ने बताया कि वो लोग इस पर क़ानूनी सलाह ले रहे हैं।
"ससुराल वालों ने मेरी बहन को जबरन इंजेक्शन लगा कर, उसके ससुर के साथ हलाला की 'रस्म' पूरी करवाई। अगले 10 दिनों तक, बुजुर्ग व्यक्ति ने मेरी बहन के साथ लगातार बलात्कार किया।"