WHO ने ट्वीट में बताया कि Covid-19 वैक्सीन 'हलाल' हैं और WHO ने यह भी बताया कि मेडिकल फ़िक (Fiqh) सिम्पोसियम द्वारा यह आदेशित किया गया है कि वैक्सीन की 'इस्लामिक शरिया कानून' के मुताबिक उपयोग की अनुमति है।
DGCI के नोटिस में आगे कहा गया है कि बड़ी आबादी के लिए वैक्सीन के रोलआउट से पहले सात दिनों के लिए 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा परिणामों का आकलन अभी भी जारी रहेगा।
चीन के वैज्ञानिकों ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) में कोविड-19 वायरस को तैयार किया है। वैज्ञानिकों को कोविड-19 सैंपल पर फिंगरप्रिंट मिले हैं।
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को बिना आधार का बताया है, जिन्होंने B.1.617 म्यूटेंट स्ट्रेन के लिए इंडियन वेरिएंट शब्द का उपयोग किया है।
इस रिसर्च पेपर के 18 राइटर्स में पीएलए से जुड़े वैज्ञानिक और हथियार विशेषज्ञ शामिल हैं। मैग्जीन ने 6 साल पहले 2015 के चीनी वैज्ञानिकों के रिसर्च पेपर के जरिए दावा किया है कि SARS कोरोना वायरस के जरिए चीन दुनिया के खिलाफ जैविक हथियार बना रहा था।