पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन से जुड़े हुए कुछ कार्यकर्ताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लग रहे हैं। इनमें योगेंद्र यादव के स्वराज इंडिया के सदस्य मनीष कुमार का नाम भी शामिल है।
वे केवल बीजेपी को हराना चाहते हैं बाकी उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है कि कौन जीतता है। यहाँ तक कि अब्बास सिद्दीकी के बंगाल जीतने पर भी वे खुश हैं। उनका दावा है कि जब तक मोदी और भाजपा को अनिवार्य रूप से सत्ता से बाहर रखा जाता है। तब तक ही सही मायने में लोकतंत्र है।
योगेन्द्र यादव द्वारा किया गया मंडी शुल्क का ज़िक्र दिखाता है कि उन्हें कृषि क्षेत्र के मुद्दों पर कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद तमाम लोगों ने ट्विटर पर उन्हें बताया कि अगर टैक्स कम इकट्ठा हुआ है इसका मतलब यह हुआ कि किसानों को कम टैक्स देना पड़ रहा है।
रवनीत सिंह बिट्टू ने संसद में बताया कि 26 जनवरी वाली हिंसा के पीछे योगेंद्र यादव है। उन्होंने कहा ये आदमी 2018 तक इस बिल के समर्थन में था और आज सबसे ज्यादा आग लगाने वाला ये आदमी है।
'क्रांतिकारी' पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने ट्विटर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और इच्छाधारी आंदोलनकारी योगेन्द्र यादव को मशविरा दिया है।
'देशद्रोही' योगेन्द्र यादव को उनकी सोसायटी के लोग कथित तौर पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण सोसायटी से बाहर निकालने के लिए सड़क पर उतर आए हैं।
राजधानी में हुई हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई दिल्ली पुलिस ने 37 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डाॅ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा, बलवीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं।
एक बार फिर योगेंद्र यादव ने शनिवार को हरियाणा और राजस्थान के स्थानीय ग्रामीणों को मोदी सरकार के खिलाफ तथाकथित विरोध में शामिल होने के लिए उकसाने का प्रयास किया।