कोरोना से जंग लड़ने के लिए देश में जारी लॉकडाउन के बीच क्वारंटाइन सेंटर्स पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने के बाद गिरफ्तार किए गए असम से विधायक अमीनुल इस्लाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस के पास पहुँची ऑडियो क्लिप में विधायक दावा कर रहा है कि क्वारंटाइन सेंटर्स में लोग मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं, जबकि वास्तविकता में वो बिलकुल फिट और स्वस्थ हैं। वे वहाँ स्वस्थ लोगों को इंजेक्शन देते हैं, ताकि वो बीमार हो जाएँ और कोरोना मरीज बन जाएँ।
असम सरकार ने अब तक 491 सैम्पलों को एकत्रित कर लिया है, अर्थात इतने लोगों की पहचान हो चुकी है। बाकी बचे लोगों की पहचान के लिए राज्य सरकार विभिन्न मस्जिद कमिटियों से संपर्क साध रही है। शर्मा ने बताया कि सभी के सैम्पल एकत्रित करते की कोशिश की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने कॉन्ग्रेस नेता हरजीत भट्टी के ट्वीट को (राजनीतिक उद्देश्यों से) अत्यधिक प्रेरित बताते हुए कहा कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने पिछले तीन दिनों में PPE किट की अच्छी संख्या में आपूर्ति की है। शर्मा ने यह भी बताया कि पुलिस को भट्टी के खिलाफ FIR दर्ज करने और जाँच करने के लिए कहा गया है।
केविन पीटरसन असम के काजीरंगा नेशनल पार्क भी पहुँचे। वहाँ पर गैंडों की संख्या को देखते हुए उन्होंने इसे 'वन हॉर्न नेशन' कहा। उन्होंने लिखा कि ये भारत अद्भुत है। पीटरसन ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में उन्हें इस देश ने काफ़ी कुछ दिया है।
बीजेपी ने सात कॉन्ग्रेस सांसदों को शेष लोकसभा सत्र में भाग लेने से निलंबित करने के निर्णय का स्वागत किया है। भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि सांसदों का आचरण बेहद शर्मनाक था। इतना ही नहीं कुर्सी का अपमान करने वाले सदस्यों को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि शरजील इमाम न केवल अजमल के साथ बल्कि असम के कई अन्य लोगों के साथ भी फोन पर संपर्क में था। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल कॉउन्सिल के अध्यक्ष की पत्नी की कार पर हुआ हमला। अज्ञात हमलावरों की इस पत्थरबाजी में कार काफी क्षतिग्रस्त हो गई हालाँकि कार सवार किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की चोटें आने का कोई समाचार नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने चार आतंकियों को दिल्ली पर हमले की योजना बनाने और गोलपारा रास महोत्सव में विस्फोट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि इन चारों ने धोखाधड़ी कर एनआरसी में अपना नाम जुड़वा लिया है।
“बिना सही पहचान के मूल मुस्लिम आबादी को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। NRC में बांग्लादेशी मूल के लाखों लोग शामिल हैं, इसलिए हम इस पर भरोसा नहीं कर सकते। अगर हमने अब कुछ नहीं किया तो एक दिन असम से सभी मूल जनजातियाँ सामाप्त हो जाएँगी।”