Sunday, July 13, 2025
Homeदेश-समाजअसम के NRC में 80 लाख घुसपैठिए, जिहादी: SC में APW, कहा- दोबारा से...

असम के NRC में 80 लाख घुसपैठिए, जिहादी: SC में APW, कहा- दोबारा से सत्यापित की जाए पूरी प्रक्रिया

असम देश का पहला और इकलौता राज्य हैं, जहाँ NRC लागू किया गया है। असम में 33 जिले हैं, इनमें से 9 जिलों में मुस्लिम आबादी आधी से ज्यादा है। बताया जाता है कि इन्हीं जिलों में बीते दशकों से बांग्लादेशियों की घुसपैठ काफी हुई है। हालाँकि, NRC की फाइनल लिस्ट को लेकर बहुत से सवाल खड़े हुए हैं।

असम पब्लिक वर्क्स (APW) नामक एनजीओ ने मंगलवार (18 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें दावा किया गया है कि असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) में करीब 80 लाख विदेशियों के नाम शामिल हैं। कुछ ऐसे जिहादी भी शामिल हैं जो पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके आधार पर एनजीओ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी की पूरी प्रक्रिया के शत-प्रतिशत पुन:सत्यापन का अनुरोध शीर्ष अदालत से किया है।

एनजीओ के प्रमुख अभिजीत शर्मा ने कहा, “अजहरुद्दीन, रंजीत अली, लुइत जमी-उल जमाल और मुक़द्दर इस्लाम- ये उन गिरफ्तार जिहादियों के नाम हैं, जिन्हें एनआरसी के माध्यम से भारतीय नागरिक घोषित किया गया है। इन चारों जिहादियों के नाम NGO ने पहले ही दे दिया था। चारों ने अधिकारियों को धोखा देकर NRC के तहत भारत की नागरिकता ले ली थी। हम बार-बार इन गलतियों को दर्शा रहे हैं और लगातार अधिकारियों को इन्हें सुधारने के लिए बोल रहे हैं।”

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 25 नवंबर को उपर्युक्त चारों को दिल्ली पर हमले की योजना बनाने और गोलपारा रास महोत्सव में विस्फोट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आपको बता दें कि, APW वह संगठन है, जिसकी याचिका पर वर्ष 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने असम में NRC को अपडेट करने के निर्देश जारी किए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, APC ने पिछले साल 31 अगस्त को प्रकाशित NRC सूची को चुनौती देते हुए हलफनामा दायर किया था।

इसके अलावा, हलफनामे में शीर्ष अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह एनआरसी की प्रक्रिया के दौरान होने वाली कथित विसंगतियों और भ्रष्टाचार की जाँच के लिए एक न्यायिक समिति बनाई जाए। ताजा हलफनामे में एपीडब्ल्यू ने एनआरसी के दौरान अनियमितताओं की जॉंच सीबीआई, एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियों से कराने की अनुमति देने की भी अपील सुप्रीम कोर्ट से की गई है।

आपको बता दें कि असम देश का पहला और इकलौता राज्य हैं, जहाँ NRC लागू किया गया है। असम में 33 जिले हैं, इनमें से 9 जिलों में मुस्लिम आबादी आधी से ज्यादा है। बताया जाता है कि इन्हीं जिलों में बीते दशकों से बांग्लादेशियों की घुसपैठ काफी हुई है। हालाँकि, NRC की फाइनल लिस्ट को लेकर बहुत से सवाल खड़े हुए हैं।

दरअसल असम सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की फाइनल लिस्ट में 19 लाख लोग अपनी जगह नहीं बना पाए थे। एनआरसी के समन्‍वयक प्रतीक हजारिका ने बताया था कि कुल 3,11,21,004 लोग इस लिस्‍ट में जगह बनाने में सफल हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्‍ट से 19,06,657 लोग बाहर हो गए हैं। एनआरसी बाहर से किए गए लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने अपील करनी होगी। एनआरसी लिस्‍ट को बनाने की प्रक्रिया 4 साल पहले शुरू हुई थी और सरकार ने तय समय के भीतर इस सूची को जारी कर दिया था।

मूल मुस्लिम समुदाय गोरिया, मोरिया, देसी और जोलाह की पहचान करेगी असम सरकार, जल्द होगा सर्वे

‘सिर्फ असम नहीं बल्कि पूरे देश में लागू होगा NRC, बाहर भेजे जाएँगे सारे अवैध प्रवासी’

नागालैंड में ‘मूल निवासी सर्टिफिकेट’ बँटेंगे, असम के NRC से मिलती-जुलती कवायद

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

छांगुर पीर ने सरकारी तालाब को पाट कर की 30000 स्क्वायर फीट जमीन पर अवैध प्लॉटिंग, खड़ी की महँगी प्रॉपर्टी: धर्मांतरण के सरगना के...

छांगुर ने उतरौला में कई लोगों के नाम पर पहले जमीन खरीदी और फिर सरकारी जमीनों पर कब्जा जमा लिया। इसके लिए जमीनों पर गरीबों का नाम दिखा कर कागजों में हेर-फेर भी की।

पश्चिम बंगाल में मधु मुल्ला ने भगवान शिव पर आपत्तिजनक पोस्ट की शेयर, भड़के आम हिंदू: BJP नेता सुवेंदु अधिकारी ने की गिरफ्तारी की...

भगवान शिव पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने वाले मधु मुल्ला के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है। बीजेपी ने सख्त कार्रवाई की माँग की है।
- विज्ञापन -