केंद्र सरकार के फैसले का कॉन्ग्रेस, वामपंथियों और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा विरोध उनके दशकों के प्रयास से गढ़े गए नैरेटिव के ध्वस्त होने की छटपटाहट है और उस छटपटाहट की तुलना में बहुत छोटी है जो दशकों तक हिंदुओं ने झेली है।
'इस हरम में टीपू सुल्तान और उसके अब्बा की 600 महिलाएँ थीं, जिनकी रखवाली के लिए नपुंसकों को लगाया गया था। इनमें कई ब्राह्मणों और राजाओं की बेटियाँ थी, जिन्हें उनके अभिभावकों के सामने ही बलपूर्वक उठाया गया था।'