उत्पात मचाने के बाद इस भीड़ ने दिल्ली रोड पर निजी वाहनों और रोडवेज बसों में भी तोड़फोड़ करके जमकर लूटपाट की। गनीमत सिर्फ़ इतनी रही कि वहाँ आम लोगों के संयम और सूझ-बूझ से शहर दंगे की आग में जलने से बच गया।
बुधवार दोपहर कैंटोमेंट बोर्ड के सीईई अनुज सिंह और सदर थाने की पुलिस ने निर्माण को अवैध बताकर ध्वस्त कर दिया। इसे लेकर वहाँ रहने वाले लोगों और टीम के अधिकारियों में भिड़ंत हो गई।
इस घटना पर उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा, "हमने इस निंदनीय घटना का संज्ञान लिया है और दोनों को लखनऊ तलब किया गया है। सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
शासन ने इसके लिए एसआईटी की जाँच बिठाई थी, जिसमे इसे अवैध पाया गया। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अधिकारी पहुँचे और 6 बुलडोजर का प्रयोग कर के गेट को 3 घंटे की मशक्कत के बाद ढाह दिया गया।
कॉन्ग्रेस फ़िलहाल ऐसे लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करने से लेकर मुख्यमंत्री बनाने में बिज़ी है जो हिंसा को भड़काने और नरसंहार में शामिल होने का इतिहास रच चुके हैं। इमरान मसूद भी उन्हीं में से एक है।
शिक्षा विभाग की सख्ती के कारण नकल माफियों ने परीक्षा से दूरी बनाई हुई हैं। परिणाम, अब तक दसवीं और बाहरवीं के क़रीब 6 लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा को छोड़ चुके हैं।
शराब कांड में सरकार के दबाव की वजह से पुलिस ने लगातार छापेमारी की, जिसके कारण दोनों राज्यों में लगभग 10,000 लीटर से ज़्यादा अवैध शराब और 75,000 किलो से ज़्यादा लहन पकड़ी गई।