तीनों ही पार्टियाँ गृह, वित्त, हाउसिंग, राजस्व जैसे विभागों पर नज़रें गड़ाए बैठे हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, काली कमाई और बंदरबाँट का भरपूर 'स्कोप' है। सरकार अभी 6 मंत्रियों को ही जब विभाग नहीं बाँट पा रही है, तो ज़ाहिर सी बात है मंत्रिमंडल विस्तार कर बाकी पद भरना तो और बड़ी चुनौती होगी।
रश्मि ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई का कहना है कि वे सीएम उद्धव की ओर से बैठक में हिस्सा ले रहे थे। सहयोगी एनसीपी को यह सफाई पसंद नहीं आई। उसने कहा है कि उद्धव ठाकरे की अनुभव की कमी साफ़ दिख रही है।
संजय ने कहा कि सभी मुंबई वालों के साथ उनकी भी यही डिमांड है कि इस निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त कर देना चाहिए। गौरतलब है कि आरे में मेट्रो परियोजना के लिए पेड़ काटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई हुई है।
अपनी किताब में उसने दावा किया कि हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए बालासाहेब ने दलितों की हत्या तक करवा दी थी। सुधीर ने अपनी इस किताब में 1974 के वर्ली दंगे का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि इस दौरान मराठवाड़ा की दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ था।
भीमा-कोरेगॉंव हिंसा के आरोपितों की जमानत याचिका हाल ही में खारिज की गई थी। एनसीपी नेता का कहना है कि इस मामले में पिछली सरकार ने फर्जी मामले दर्ज किए थे। उन्होंने आरे मेट्रो मामले की तरह इससे जुड़े केस भी बंद करने को कहा है।
सुप्रिया सुले की पार्टी NCP ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, राफ़ेल फाइटर जेट्स की ख़रीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी और अनिल अंबानी पर निशाना साधा था। वहीं, दूसरी तरफ आज उन्हीं अनिल अंबानी के साथ पार्टी कर रही हैं!
कॉन्ग्रेस की तरफ से भी उपमुख्यमंत्री पद की माँग। कॉन्ग्रेस के बालासाहेब थोराट राज्य के नए उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं। उधर अजित पवार भी मुँह फुलाए बैठे हैं। NCP अपने हाथ से डिप्टी CM पद जाने नहीं देना चाहती। उद्धव ठाकरे के फ्लोर टेस्ट से पहले महा-ड्रामा!
बाल ठाकरे की गिरफ़्तारी से मुंबई में माहौल गर्माने के साथ-साथ सियासी समीकरण भी बिगड़े थे। तब शिवसेना प्रमुख के ख़िलाफ़ व्यक्तिगत प्रतिशोध के रूप में भुजबल को ही दोषी ठहराया गया था। बाल ठाकरे की गिरफ़्तारी शिवसेना के लिए एक भावनात्मक मुद्दा रहा है। पार्टी बार-बार इस घटना के लिए एनसीपी से माफ़ी की माँग करती रही लेकिन अब...
संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के सम्पादकीय में कहा था कि जो भी गोडसे से नफरत करते हैं, वह ज़रूर इशरत से मोहब्बत करते हैं। सामना के सम्पादकीय में लिखा था कि गोडसे के स्मारक की जगह क्या इशरत का स्मारक बनाया जाए?