Monday, November 18, 2024

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दिल्ली पुलिस

दिल्ली के मौजपुर में CAA समर्थक और विरोधी आमने-सामने, पत्थरबाजी के बाद स्थिति तनावपूर्ण

रविवार की सुबह बड़ी संख्या में मौके पर पहुँची महिलाओं ने सड़क को जाम कर दिया। इसी बीच स्थित तब तनावपूर्ण हो गई कि जब मौजपुर में सीएए के समर्थन में सड़कों पर पहुँचकर लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ ही देर में दोनों और से पत्थरबाजी शुरू हो गई।

कन्हैया कुमार को क्यों बचा रही केजरीवाल सरकार?: दिल्ली पुलिस ने कहा- देशद्रोह का मामला चलाने की दें इजाजत

देशद्रोह के मामले में अभियोग चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत दिल्ली सरकार की मॅंजूरी जरूरी है। बिना इसके कोर्ट दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकती।

शरजील ने कबूली हिंसा भड़काने की बात, चार्जशीट हुई फाइल: ‘कन्हैया परमिशन’ में फिर उलझाएँगे केजरीवाल?

CAA के नाम पर दिल्ली जामिया नगर इलाके में पिछले वर्ष 15 दिसंबर को हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने जाँच के बाद और शरजील इमाम के कबूलनामे के बाद कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में 100 गवाहों के बयानों और CCTV फुटेजों को भी शामिल किया गया है।

पुलिस ने मेरी दोनों टाँगें तोड़ डाली, ₹2Cr मुआवजा दो: HC पहुँचा जामिया का छात्र शय्यान मुजीब

मुजीब ने दावा किया है कि वो लाइब्रेरी में बैठ कर पढ़ाई कर रहा था, तभी पुलिस ने उसकी पिटाई की। उसकी दोनों टाँगें टूट गई। इलाज पर 2.5 लाख रुपए खर्च हुए हैं। उसकी याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।

जामिया का हर वीडियो, हर एंगल: लाइब्रेरी में कब, क्या और कैसे हुआ, साथ में लिबरल गिरोह की नंगई भी

पहले एडिटेड वीडियो के जरिए दिल्ली पुलिस को बदनाम करने और दंगाइयों को पाक-साफ बताने की कोशिश की गई। हालॉंकि समय बीतने के साथ पूरी तस्वीर पलट गई और लिबरलों के प्रपंच का किला रेत की महल के माफिक ढह गया।

रवीश कुमार नहीं समझ पा रहे जामिया की लाइब्रेरी में क्यों भागे ‘छात्र’: बताने की कृपा करें

रवीश समेत कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस डंडे क्यों मार रही है? भाई, हाथ में पत्थर ले कर घूमने वाले और बसों में आग लगाने वाले छात्र नहीं, फसादी होते हैं। उनसे अपराधियों की तरह ही निपटना चाहिए।

हाथ में पत्थर लेकर जामिया की लाइब्रेरी में कौन सी पढ़ाई करने जा रहे ‘छात्र’: नए Video से पलटी पूरी तस्वीर

हाथ में पत्थर लेकर और चेहरे पर नकाब बाँध कर लाइब्रेरी में कौन सी पढ़ाई की जाती है, ये जामिया के उपद्रवी ही बता पाएँगे। वीडियो में कुछ उपद्रवियों को पत्थर लेकर लाइब्रेरी में घुसते हुए देखा जा सकता है। ये वो दंगाई हैं, जो 15 दिसंबर को पुलिस से बचने के लिए यहाँ छिपे थे।

हमने नहीं जारी किया कोई Video : एडिटेड वीडियो पर जामिया प्रशासन

एडिटेड वीडियो को गिरोह विशेष ने वायरल किया। तथाकथित लिबरल पत्रकारों ने इस वीडियो के सहारे न सिर्फ़ दिल्ली पुलिस को क्रूर और अत्याचारी साबित करने का झूठा प्रयास किया, बल्कि जामिया नगर के दंगाइयों को भी पाक-साफ़ बताने की कोशिश की।

जामिया के लाइब्रेरी में पहले घुसे नकाबपोश, पीछे से आई पुलिस: नए वीडियो से बेनकाब हुआ प्रपंच

नए वीडियो में देखा जा सकता है कि लाइब्रेरी के दरवाजे पर एक व्यक्ति खड़ा है, जो भाग कर आ रहे नकाबपोशों को अंदर घुसा रहा है। जाहिर है पुलिस ने यूँ ही किसी पर कार्रवाई नहीं की। उसने उपद्रवियों को चिह्नित कर एक्शन लिया।

जामिया का कटा विडियो: रवीश ने जानबूझ कर क्यों दिखाया एडिटेड विडियो? समझिए क्रोनोलॉजी

जब पुलिस जाँच के लिए सीसीटीवी फुटेज लेने पहुँची, तब छात्रों ने हंगामा किया और पुलिस को वो फुटेज नहीं लेने दिया। आख़िर जामिया के छात्र क्या छिपाना चाहते थे? हमारे कुछ और भी सवाल हैं, जो इस वीडियो को देखने के बाद उभरते हैं। देखिए पूरा वीडियो, जो आपसे छिपाया गया ।

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