दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को हिंदू विरोधी दंगों के आरोपित पिंजड़ा तोड़ की नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नेता आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दे दी।
दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पूर्वी हिस्से में पिछले साल हिंसा के दौरान खुफिया ब्यूरो (IB) अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आरोपित ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
राजदीप सरदेसाई ने सोमवार को ट्वीट करके नताशा नरवाल की हिरासत को मानवीय त्रासदी बताते हुए कहा कि नताशा का जेल में रहना बताता है कि अपराधिक न्याय व्यवस्था अपनी दिशा खो चुकी है।
UNHRC की कार्यकारी संस्था का कहना है कि सफूरा जरगर को बिना वॉरंट के अनियमित तरीके से गिरफ्तार किया गया था और पुलिस थाने में सादे कागज पर हस्ताक्षर लेकर बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में ले लिया गया था।