नमाज के बाद बवालियों का मन इतना बढ़ गया कि पुलिस की एक पूरी टीम (25 ट्रेनी सिपाही) को एक दुकान में बंधक बना लिया। दुकान का शटर बंद कर उसमें आग लगाने का प्रयास किया। जब सूचना पाकर पुलिस वहाँ पहुँची तो उनकी गाड़ी पर फायरिंग और पथराव कर उन्हें दौड़ा दिया। इसके बाद...
“मैंने 2007 में पाकिस्तान छोड़ दिया था। यह एक इस्लामिक गणराज्य है। वहाँ मंदिरों को तोड़ दिया जाता है। हिंदू लड़कियों और महिलाओं को अगवा किया जाता है और उन पर अत्याचार किया जाता है। यहाँ तक कि वहाँ की पढ़ाई भी इस्लामिक है।”
अपने नफ़रत भरे भाषण में लगभग 3 मिनट 30 सेकेंड पर, मौलाना ने सरकार को CAA और NRC को वापस लेने या जिहाद के लिए तैयार रहने की धमकी दी। मौलाना ने कहा कि अगर यह क़ानून पर तुम अटल रहे तो इतना याद रखना की मरने और मारने से कोई नहीं चूकेगा।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने उग्र होते हुए 2 सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है।
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में वामदलों और कुछ मुस्लिम संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया था। इसी विरोध-प्रदर्शन में पहुँचे इतिहासकार रामचंद्र गुहा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
हसीना बेन मूलरूप से भारत की ही रहने वाली थीं, लेकिन 1999 में निक़ाह हो जाने के बाद वो पाकिस्तान चली गईं थी। पाकिस्तान में उनके शौहर की मृत्यु हो जाने पर उन्होंने भारत वापस आने का फ़ैसला किया। दो साल पहले ही उन्होंने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था, जिसे...
गुरुवार को कई वामपंथी व मजहबी संगठनों ने बंद का आयोजन किया था। पुलिस को ख़ुफ़िया सूचना मिली कि इस्लामी संगठनों और वामपंथियों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में कुछ देशविरोधी ताक़तें हिंसा पर उतर सकती हैं और दिल्ली की तर्ज पर बेंगलुरु में भी दंगा भड़काया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने आशंका जताई कि इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला कारण ये हो सकता है कि उन्होंने नए क़ानून को पढ़ने की जहमत ही नहीं उठाई और दूसरा कारण ये हो सकता है कि उन्हें पढ़ कर भी कुछ समझ नहीं आया। तभी उन्होंने 'दो बाप' वाली पहेली बुझाई।
संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के नाम पर मजहबी उन्माद फैलाने की साज़िश रची जा रही है। यहाँ तक कि मस्जिदों से घोषणा की गई ताकि उपद्रवी सड़क पर उतर कर हिंसा करें। इन घोषणाओं का परिणाम क्या हुआ, ये दिल्ली ने भुगता और पूरे देश ने देखा। खुद एक प्रदर्शनकारी ने...
डीयू के छात्रों को उम्मीद है कि जो वामपंथी दिन-रात 'आज़ादी' के नारे लगाते हैं और 'आज़ादी' की माँग कर रहे हैं, वो 'आज़ादी' उन्हें मुफ्त में मिल रही है तो वो ज़रूर आकर ले जाएँगे। ऑपइंडिया को मिली ताज़ा सूचना के अनुसार, अभी तक एक भी वामपंथी 'आज़ादी' लेने नहीं पहुँचा।