हिन्दू संगठनों कहा कि इसी वर्ष इस रास्ते पर काँवड़ यात्रा नहीं निकलने दी गई थी। मुस्लिमों ने सावन माह के दौरान यहाँ से निकलने वाली काँवड़ यात्रा का यह कह कर विरोध किया था कि यह नई परंपरा है।
शुद्धिकरण के बाद आसमीन का नाम आरती श्रीवास्तव रखा गया। इसके बाद आरती का जयवीर से वैदिक विधि विधान से विवाह सम्पन्न हुआ। दोनों ने अग्नि के सामने 7 फेरे लिए।
गार्डन में एक बुर्के वाली लड़की के साथ बैठे लड़के को देख इस्लामी कट्टरपंथी भड़क गए। दावा किया जा रहा है कि लड़का हिंदू है जिससे भीड़ बार-बार आधार कार्ड दिखाने को कह रही थी।