Sunday, October 6, 2024
Homeदेश-समाज'नई परंपरा' बता काँवड़ यात्रा नहीं निकालने दी, अब उसी रास्ते से ईद-मिलाद की...

‘नई परंपरा’ बता काँवड़ यात्रा नहीं निकालने दी, अब उसी रास्ते से ईद-मिलाद की जुलूस निकालने पर अड़े: जानिए बरेली में क्यों हुआ बवाल

यह विवाद तब उपजा जब चार मुस्लिम समितियाँ बरेली के जोगी नवादा इलाके की मौर्य गली से जुलूस निकालने की कोशिश करने लगीं। इस मुस्लिम जुलूस में बड़े बड़े डीजे और लाउडस्पीकर भी थे और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश के बरेली में मुस्लिम उस रास्ते पर अपना बारावफात का मुहम्मदी जुलूस निकालने के लिए अड़ गए जिस पर उन्होंने काँवड़ यात्रा नहीं निकलने दी थी। काँवड़ को नई परंपरा बताने वाला मुस्लिम पक्ष ने इसी रास्ते पर कई डीजे, लाउडस्पीकर के साथ जुलूस निकलने का प्रयास किया। हिन्दू संगठनों ने इस पर विरोध जताया है। मौके पर पुलिस ने पहुँच कर बीच बचाव किया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार (15 सितम्बर, 2024) शाम को यह विवाद तब उपजा जब चार मुस्लिम समितियाँ बरेली के जोगी नवादा इलाके की मौर्य गली से जुलूस निकालने की कोशिश करने लगीं। इस मुस्लिम जुलूस में बड़े बड़े डीजे और लाउडस्पीकर भी थे और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

मुस्लिमों की इस कोशिश का हिन्दू संगठनों ने विरोध कर दिया। हिन्दू संगठनों कहा कि इसी वर्ष इस रास्ते पर काँवड़ यात्रा नहीं निकलने दी गई थी। मुस्लिमों ने सावन माह के दौरान यहाँ से निकलने वाली काँवड़ यात्रा का यह कह कर विरोध किया था कि यह नई परंपरा है।

हिन्दू पक्ष ने कहा कि यहाँ पर जुलाई, 2023 में काँवड़ यात्रा पर पथराव भी किया गया था। इस पत्थरबाजी में कई हिन्दू घायल हुए थे। काँवड़ में शामिल लोगों ने इस दौरान बताया था कि यहाँ मौजूद मस्जिद और आसपास के मुस्लिम घरों से पथराव हुआ था। इस दौरान पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।

हिन्दुओं को जहाँ इस इलाके में रोक दिया गया तो वहीं मुस्लिमों ने इस बार अपने जुलूस को और बड़ा कर लिया। आरोप है कि इस बार उन्होंने कई डीजे और लाउडस्पीकर लगा लिए जो पहले नहीं लगाए जाते थे। इसके अलावा इस मोहम्मदी जुलूस में भीड़ भी बढ़ा दी गई। इसके अलावा इस जुलूस में कई बैनर पोस्टर भी लहराए गए।

मुस्लिम पक्ष ने जिद की कि वह इसी इलाके से अपने जुलूस निकालेंगे। विवाद होने के बाद मौके पर पुलिस प्रशासन पहुँच गया। पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। हालाँकि, मुस्लिम पक्ष जुलूस निकालने की जिद पर अड़ा रहा। पुलिस ने उन्हें निकलवाने का प्रयास किया लेकिन हिन्दू संगठन इसके विरोध में रहे।

अपना जुलूस जबरदस्ती निकालने को लेकर मुस्लिम पक्ष ने धक्का मुक्की और नारेबाजी की। माहौल बिगड़ता देख यहाँ कई थानों की फ़ोर्स बुला ली गई। लगातार देर रात तक मुस्लिम पक्ष अपना मोहम्मदी जुलूस निकालने की जिद करता रहा। बताया गया है कि बाद में पुलिस के जोर देने पर मुस्लिमों का रूट बदलवाया गया।

पुलिस ने बताया है कि वह सभी पक्षों से बातचीत कर शांति व्यवस्था बनाए हुए है। बरेली में सोमवार (16 सितम्बर, 2024) को भी जुलूस निकाले जाने हैं। इनको लेकर लगातार पुलिस सतर्कता बरत रही है। यहाँ पुलिस के साथ ही PAC की यूनिट भी तैनात की गई हैं। शहर में बवाल ना हो इसके लिए बाहर के थानों से फ़ोर्स बुलाई गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माता-पिता के सामने हिंदू बच्चों के कटवाए अंग, धर्मांतरण से इनकार तो सूली पर लटका जिंदा जलवाया… जिस फ्रांसिस जेवियर को ‘संत’ कहते हैं...

जिस फ्रांसिस जेवियर को 'संत' कह प्रचारित किया जाता है, उसका गोवा की डेमोग्राफी बदलने में बड़ा योगदान है। जानिए कैसे हिंदुओं को धर्मांतरण नहीं करने पर यातना दी गई, कैसे मंदिरों की पहचान मिटाई गई?

RG Kar अस्पताल के 10 डॉक्टर-59 स्टाफ सस्पेंड, रेप-मर्डर के बाद बनी जाँच कमेटी का आदेश: यौन शोषण-धमकी-वसूली के आरोपों पर शुरू हुई कार्रवाई

आरोपितों पर जूनियर स्टाफ को देर रात नशा और शराब खरीदने के लिए मजबूर करने और लड़कों के कॉमन रूम में अश्लील हरकतें करने के लिए मजबूर करने का भी आरोप है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -