भाजपा प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्वीट किया, “रोहित सरदाना भाई को वो इंजेक्शन लगाया गया जो उनको सूट नहीं होता था, इलाज के वक्त कोई सीनियर भी नहीं था। ये लापरवाही है या कुछ और इसकी जाँच होनी चाहिए।”
ET ने दावा किया कि सरकार दूसरी वेव को मानने से इंकार कर रही थी इसलिए वह इस स्थिति के लिए उत्तरदायी है। अपने इस दावे को सही साबित करने के लिए उन्होंने प्रोफेसर को गलत तरीके से कोट किया।
कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच एडिटर गिल्ड का ये बयान मीडिया के रवैये से थोड़ा विरोधाभासी है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महामारी में कई पत्रकार अपनी मर्जी से जनता तक जानकारियाँ पहुँचाने के काम में लगे रहे।
भारत में तेज गति से बढ़ रहे संक्रमण के बीच मीडिया समूहों द्वारा की जा रही ‘गिद्ध रिपोर्टिंग’ पर संज्ञान लेते हुए मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित चिकित्सकों के एक समूह ने न्यूज मीडिया आउटलेट्स को ओपन लेटर लिखा है।