भारत के पूँजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने विवादास्पद मीडिया नेटवर्क NDTV के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को इनसाइडर ट्रेडिंग से अनुचित लाभ उठाने का दोषी पाया है।
द वायर सरीखे एजेंडापरस्त मीडिया समूहों के लिए इस श्रेणी का गिरगिटनुमा विश्लेषण या दावा कोई नई बात नहीं है। प्रोपेगेंडा ही इनका एकमात्र उद्देश्य है भले उसके लिए स्क्रीन पर कुछ अनर्गल ही क्यों न परोसना पड़े।
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर मुंबई पुलिस का चेहरा 4 नवंबर को पूरे देश ने देखा। 20 सशस्त्र पुलिसकर्मी उनके घर में घुसे, घसीटकर उन्हें अलीबाग थाने ले गए।
हलफनामे में मंत्रालय ने प्रोग्राम को आपत्तिजनक कहा है लेकिन फिर भी प्रोग्राम के बाकी बचे 4 एपिसोड को प्रोग्राम कोड के मुताबिक काट-छाँट करके चलाने की अनुमति दे दी है।
सोनू निगम ने वीडियो में लेख प्रकाशित करने वाले मीडिया समूह के संबंध में कहा, “यह वीडियो उन दल्लों के लिए है।” फिर उन्होंने ट्रिब्यून के संपादक को संबोधित करते हुए कहा, “तू सोता कैसे है दल्ले?”