Monday, October 7, 2024
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‘तुम सब इतने लेफ्ट हो कि अपने राइट हाथ से भी नफ़रत करने लगे हो’: सोनू निगम ने ट्रिब्यून सहित वामपंथी मीडिया को लगाई फटकार

सोनू निगम ने इस बात का भी ज़िक्र किया कि कैसे तमाम लोग अच्छे संगीत को पसंद कर रहे हैं। लेकिन ट्रिब्यून और अन्य मीडिया समूहों ने वही हिस्सा उठाया जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चे को गायक नहीं बनने देना चाहते हैं। ट्रिब्यून ने मुख्य रूप से वह तथ्य हैडलाइन में सामने रखा है जिसमें उनका बेटा दुबई जा चुका है।

17 नवंबर को मशहूर गायक सोनू निगम ने आपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो साझा किया था जिस पर 1.2 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं। इस वीडियो में सोनू निगम जहाँ बैठे हुए थे वहाँ से हिमालयन रेंज नज़र आ रही थी, उन्होंने खासतौर से वामपंथी मीडिया की जम कर आलोचना की। इस दौरान उनके निशाने पर रहे ट्रिब्यून (Tribune) और सीएनएन लोकमत (CNN Lokmat)। 

वीडियो में सोनू निगम ने कहा कि वह जगे और उन्होंने एक लेख पढ़ा जिसमें इस बात का ज़िक्र था कि वह अपने बच्चे को भारत में गायक बनते हुए नहीं देखना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि लेख में उनके विचारों पर की गई ‘ट्रोल टिप्पणियों’ का उल्लेख था। सोनू निगम ने वीडियो में लेख प्रकाशित करने वाले मीडिया समूह के संबंध में कहा, “यह वीडियो उन दल्लों के लिए है।” फिर उन्होंने ट्रिब्यून के संपादक को संबोधित करते हुए कहा, “तू सोता कैसे है दल्ले?”

अपने बेटे के बारे में बात करते हुए सोनू निगम ने कहा कि उनका बेटा बहुमुखी प्रतिभा का धनी है और उसकी जो मर्ज़ी होगी वह अपने जीवन में वही करेगा। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा गाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह गायक बनेगा।” अपनी आलोचना जारी रखते हुए बॉलीवुड गायक ने कहा कि मीडिया इतना लेफ्टिस्ट हो चुका है कि उन्हें अपने राईट (दाहिने) हाथ से नफ़रत हो चुकी है। और तो और वह अपनी दाईं आँख की पलकें तक नहीं झपकाते हैं। मीडिया को ऐसा भ्रम ही चुका है कि हर इंसान जो उनके राईट साइड खड़ा है वह पक्का ‘राईट विंग’ का है। 

फिर सोनू निगम ने कहा, “मैं जो हूँ वह तुम कभी नहीं हो सकते हो, मैं एक सच्चा भारतीय हूँ। मैं केंद्रित व्यक्ति हूँ न लेफ्ट और न ही राईट और बतौर पत्रकार तुम्हें भी कुछ ऐसा ही देखना और समझना चाहिए था।” ट्रिब्यून के संपादक को एक बार फिर दल्ला कहते हुए सोनू निगम ने सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद बॉलीवुड में भाई भतीजावाद (नेपोटिज्म) पर छिड़ी बहस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। 

उन्होंने कहा इस मुद्दे को लेकर बॉलीवुड में कहा जाता है कि गायक अपने बच्चों को गायक बनाते हैं, अभिनेता अपने बच्चों को अभिनेता बनाते हैं और यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है। मीडिया को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि वह गायक होने के बावजूद अपने बेटे को गायक नहीं बनाना चाहते हैं। ट्रिब्यून को अपने दायरे में रहने की नसीहत देते हुए सोनू निगम वीडियो के अंत में News18 लोकमत की भी आलोचना करते हैं। वह कहते हैं, “News18 लोकमत तू भौंक मत” और यहीं पर वह अपना वीडियो ख़त्म करते हैं।

जिस रिपोर्ट पर सोनू निगम को आया गुस्सा

15 नवंबर को टाइम्स नाउ डिजिटल ने सोनू निगम के गाने ‘ईश्वर का वह सच्चा बन्दा’ के लॉन्च के मौके पर एक साक्षात्कार प्रकाशित किया था। 

टाइम्स नाउ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सोनू निगम से पूछा गया कि क्या उनका बेटा नीवन भी गायक बनने की ख्वाहिश रखता है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “सच कहूँ तो मैं नहीं चाहता हूँ कि मेरा बेटा गायक बने और कम से कम इस देश में तो नहीं। वैसे भी वह भारत में नहीं रहता है, दुबई में रहता है। मैंने उसे पहले ही भारत से बाहर भेज दिया है, वह पैदाइशी गायक है लेकिन उसकी रुचि अन्य चीज़ों में है। फ़िलहाल वह यूएई के सबसे उम्दा ‘गेमर्स’ में से एक है। वह फोर्टनाइट (Fortnite) में दूसरे पायदान पर है, यह एक तरह का गेम है और वह इसे खेलने के मामले में यूएई का सबसे अच्छा गेमर माना जाता है। वह तमाम गुणों और हुनर के साथ एक शानदार बच्चा है और मैं उसे यह नहीं बताना चाहता हूँ कि उसे क्या करना चाहिए। देखते हैं कि वह खुद से क्या करना चाहता है।” 

इसके बाद सोनू निगम ने इस बात का भी ज़िक्र किया कि कैसे तमाम लोग अच्छे संगीत को पसंद कर रहे हैं। लेकिन ट्रिब्यून और अन्य मीडिया समूहों ने वही हिस्सा उठाया जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चे को गायक नहीं बनने देना चाहते हैं। ट्रिब्यून ने मुख्य रूप से वह तथ्य हैडलाइन में सामने रखा है जिसमें उनका बेटा दुबई जा चुका है। इसके बाद ट्रिब्यून ने तमाम ट्रॉल्स की टिप्पणियों का भी उल्लेख किया जिसमें दुबई जाने की बात पर सवाल किए गए थे। इसके पहले सोनू निगम ने अज़ान के लिए लाउडस्पीकर्स पर भी सवाल खड़े किए थे। 

ट्रिब्यून ने एक ट्रोल का उल्लेख करते हुए कहा, “मैं इस बात से खुश हूँ कि सोनू निगम एक ऐसे देश चले गए हैं जहाँ उन्हें अज़ान नहीं सुनाई देती है। वह भारत में अज़ान की आवाज़ से बहुत ज्यादा परेशान थे और स्पीकर्स पर पाबंदी लगाने की बात कही थी। #dubailife” 

अप्रैल 2017 में सोनू निगम के एक ट्वीट में काफी विवाद खड़ा किया था, जिसमें उन्होंने अज़ान के लिए इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर्स पर गुस्सा जताया था। इसके बाद तमाम इस्लामी कट्टरपंथियों ने इस मुद्दे को लेकर उनकी जम कर आलोचना की थी, कुछ ने तो यहाँ तक कह दिया था कि सोनू निगम को गले का कैंसर हो जाए। इस ट्वीट के चर्चा में आने के बाद रिज़वान मलिक नाम के व्यक्ति ने उनके सिर पर 21 करोड़ रुपए का ईनाम रख दिया था। पश्चिम बंगाल के एक मौलवी ने इस बात पर फतवा जारी करते हुए सोनू निगम का सिर मुंडवाने वाले व्यक्ति को 10 लाख रुपए देने की बात कही थी।   

इसके बाद सोनू निगम खुद टकले हो कर फतवा स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद मौलवी ने रुपयों का भुगतान करने से मना कर दिया था। ऐसा करने पर उसने दो वजहों का हवाला दिया था, कोई सोनू निगम को फटे पुराने जूतों की माला पहनाए और पूरे देश का भ्रमण कराए। इसके बाद सोनू निगम का समर्थन करने पर दो युवकों को चाक़ू मार दिया गया था। उज्जैन के निवासी शिवम राय ने फेसबुक पर बॉलीवुड गायक का समर्थन करते हुए कहा था कि वह सिर्फ सोनू निगम के गाने ही सुनेगा। इस बात पर बेगमगंज के कुछ युवक भड़क गए और उनके बीच विवाद हो गया, इसके बाद मोहम्मद नागोरी और फैज़ान खान नाम के युवक ने फोन पर उसे धमकी दी। बाद में अपने दोस्तों के साथ मिल कर उस पर चाक़ू से हमला भी कर दिया। 

जबकि सोनू निगम ने असल में लाउडस्पीकर के विषय में कुछ गलत नहीं कहा था। फिर भी उन्हें इतना ट्रोल किया गया कि अंत में उन्हें अपना एकाउंट डिएक्टिवेट करना पड़ गया था। साल 2015 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने खुद कहा था कि ऐसी लगभग 822 मस्जिद और 90 मंदिर हैं जिनके पास लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने का लाइसेंस नहीं है। इसके बाद साल 2014 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि नवी मुंबई स्थित इस तरह के असंवैधानिक लाउडस्पीकर्स को हटाया जाए। इस आदेश का मुस्लिम नेताओं ने स्वागत भी किया था। सोनू निगम इस बात पर गुस्सा हुए थे कि ट्रिब्यून ने वह विवाद सामने लेकर आने का प्रयास किया जो कई साल पुराना है। इतना ही नहीं मीडिया समूहों ने अपनी बात रखने के लिए उनके बेटे का उपयोग किया।           

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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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