Friday, November 22, 2024

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रवीश कुमार

धूर्तता को गलती बता बहलाने की कोशिश कर रहे रवीश कुमार: फेक न्यूज का फैक्टचेक भी नहीं

AltNews ने फैक्टचेक नहीं किया। फेसबुक ने रीच नहीं घटाई। रवीश कुमार अपनी 'गलती स्वीकार' कर 'महान' बन गए।

केंद्रीय मंत्री को झूठा साबित करने के लिए रवीश ने फैलाई फेक न्यूज: NDTV की घटिया पत्रकारिता के लिए सरकार ने लगाई लताड़

पत्र में लिखा गया कि ऐसे संवेदनशील समय में जब किसान दिल्ली के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उस समय रवीश कुमार ने महत्वपूर्ण तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, जो किसानों को भ्रमित करता है और समाज में नकारात्मक भावनाओं को उकसाता है।

बकैत की नई रिपोर्ट (S02E08): मोदी की फोटो से दिक्कत, टोपी से प्रेम?

मोदी समर्थकों की भीड़ से समस्या, आंदौलनकारी किसानों, बुर्कावालियों की भीड़ से प्रेम? भारतीय कोवैक्सिन से दिक्कत, कोवीशील्ड से प्रेम? कैसे कर लेते हैं बकैताधीश?

‘पूरा भारत मेरे बाप की मिल्कियत’ और ‘जब तक इस्लाम कबूल नहीं, शादी नहीं’ – वो जो रहे पूरे साल कुख्यात

2020 की मुश्किल सिर्फ महामारी की वजह से नहीं थी बल्कि कई धुरंधरों की वजह से भी थी। ये जमात जब-जब बल्लेबाजी करने उतरी, तब-तब...

S02E07: 2015 में मंडी के खिलाफ, ’20 में वही सही है बकैत? | Ravish u-turns on mandi, adhatiyas

अप्रैल 2015 में मंडी, आढ़तिया किसान के शोषक थे, अब पोषक हैं! जेनरेटर चुराने वाले किसानों पर चुप... 1500 टावर को क्षति पहुँचाने वालों पर चुप...

आढ़ती को हटा दें तो बहुत सी समस्या खत्म हो जाएगी: रवीश ने पाँच साल पहले ये ज्ञान दिया था, अब पलटदास काहे बन...

यही रवीश कुमार साल 2015 में इन किसानों की हालात पर चिंता जताते हुए बता चुके थे कि मंडियों में किसान आढ़ती के चंगुल में फँसा हुआ है, जहाँ उन्हें गुलाम बनाया जा रहा है।

S02E06: बकैत कुमार मुहल्ले का चुगलखोर लौंडा है | Ajeet Bharti mocks Ravish’s propaganda on farmers

फेक न्यूज़ पर माफ़ी कब माँगेगा रवीश? किसान आंदोलन पर चुगलखोरी और प्रोपेगंडा कब बंद होगा?

OpIndia ने 703 दिन पहले ही बता दिया था फर्जी: जयराम ने माँगी माफी, रवीश कुमार कब माँगेंगे

रवीश ने लिखा था- "डी-कंपनी का अभी तक दाऊद का गैंग ही होता था। भारत में एक और डी कंपनी आ गई है..."

‘…उन्हें भी माओवादी बता देंगे’ – ₹430 करोड़ की लूट को जायज बता रहा रवीश, जबकि पकड़ाया वामपंथी

रवीश ने अपने वीडियो में दावा किया कि आईफ़ोन निर्माता कम्पनी विस्ट्रोन में की गई तोड़फोड़ वहाँ काम कर रहे कर्मचारियों द्वारा सैलरी न मिलने के कारण की गई थी।

अप्रिय रवीश कुमार! एक ‘शांतिपूर्ण आंदोलन’ 53 लोगों की जान ले चुका है, अभी कितने बाकी हैं?

व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के कुलपति रवीश कुमार ने अपने नए प्राइम टाइम वीडियो में आरोप लगाया है कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को बदनाम किया जा रहा है।

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