राहुल गाँधी ने बैलेट निर्वाचन की वापसी की माँग उठाने के साथ विधानसभा निर्वाचनों के बहिष्कार का निर्णय लिया है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता उनकी इस योजना से सहमत नहीं दिख रहे हैं।
अभिनेता और नेता परेश रावल ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। परेश रावल ने ट्वीट में लिखा है, "हाँ, ये नया इंडिया है राहुल जी, जहाँ कुत्ते भी आपसे ज्यादा होशियार हैं।"
प्रमुख विपक्षी पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते राष्ट्रपति की बातों को सुन कर चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लेना कैसे संभव हो पाएगा, जब वह अभिभाषण में क्या कहा जा रहा है, यह सुने ही नहीं? राहुल गाँधी से सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल किया कि वह अपना दायित्व भूल कर फोन में क्यों लगे हुए हैं?
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गाँधी से अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया था लेकिन राहुल ने पद से हटने का निश्चय कर लिया है। उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गाँधी के नाम पर भी विचार करने से मना कर दिया है।
पहले दिन सांसदों ने जम कर 'भारत माता की जय' के नारे लगाए और जब आसनसोल से चुने गए बाबुल सुप्रियों ने शपथ लिया, तब सदन में 'जय श्री राम' के नारे गूँजे। अभी तक विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस ने सदन में अपने नेता के नाम की घोषणा नहीं की है।
इस बैठक में पार्टी के नेताओं ने एक सुर में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गाँधी को 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की माँग की है।
2017 में, तत्कालीन मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस प्रमुख अरुण यादव के ख़िलाफ़ ख़ान ने एक ऐसा बयान दिया था जिसके चलते राज्य इकाई को यह घोषणा करनी पड़ गई थी कि असलम ख़ान अब पार्टी से नहीं जुड़े रहेंगे।
हिमांत विश्व शर्मा ने कहा, “अगर राहुल गाँधी अध्यक्ष पद पर बने रहते हैं, तो विपक्ष के लिए कोई उम्मीद नहीं है, मगर यदि भाजपा के नजरिए से देखें, तो अगर राहुल गाँधी अगले 50 वर्षों तक अध्यक्ष रहेंगे, तो हमें खुशी होगी।”
चुनाव में हार की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में राहुल गाँधी नेताओं के पुत्रमोह को लेकर जमकर भड़के। इस दौरान राहुल के निशाने पर मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम थे।