बुधवार को अभिभावकों और छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने उस समय ज़ोर पकड़ा जब जी नव्या (G Navya) नाम की एक छात्रा को तेलगू विषय में शून्य अंक प्राप्त हुए, लेकिन जब दोबारा मूल्याँकन किया गया तो उस छात्रा ने 99 अंक प्राप्त किए।
विश्वविद्यालयों की सूची में जेएनयू को NIRF की रैंकिंग के अनुसार देश का दूसरा सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय बताया गया है। इस कैटिगरी में पहले स्थान पर बंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस है। इसी कैटिगरी में जामिया मिलिया को 12वाँ और दिल्ली विश्वविद्यालय को 13वाँ स्थान मिला।
आज देश की बड़ी-बड़ी परीक्षाएँ कम्प्यूटर के माध्यम से होती हैं। ऐसे में इस कदम का विरोध करना केवल मूर्खता को दर्शाता है। लेकिन अगर इसके बावजूद किसी पढ़े- लिखे समुदाय की ‘भीड़’ को इससे शिक्षा व्यवस्था में खतरा नज़र आता है, तो हर विरोध प्रदर्शन का एक तरीका होता है।
आज महिलाओं के लिए आनंदी एक मानक है। उनके संघर्षों और उनके जीवन के अहम बिंदुओं को समय-समय पर याद करते रहना इसलिए भी जरूरी है ताकि शिक्षा को लेकर जागरुकता फैले।
जिस प्रकार की भाषा CUSAT प्रशासन द्वारा प्रयोग की गई उससे यही पता चलता है कि कुलपति द्वारा उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय छात्रों में भेदभाव करने का प्रयास किया गया।