Sunday, November 17, 2024

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संविधान संशोधन

डॉक्टर अंबेडकर और ‘भारत का विचार’: जानिए संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल करने के विरोध में क्यों थे बाबासाहेब?

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द जोड़ने के सख्त खिलाफ थे।

PM मोदी को बदनाम करने के लिए अवनी डायस ने डॉक्यूमेंट्री में भारत के संविधान को लेकर बोला झूठ, अपनी ‘पत्रकार’ की करतूत ABC...

एबीसी न्यूज ने अवनी दास के फेक न्यूज पर सफाई देते हुए कहा कि 'नरेंद्र मोदी पर बने डॉक्यूमेंट्री, जिसे 5 जून को पब्लिश किया गया था, उसमें 'भारत के मूल संविधान में सेकुलर' होने का दावा गलत था।'

भारत, भारतवर्ष, भारतभूमि… संविधान सभा में आए कई नाम, अंत में ‘India, that is Bharat’ पर लगी मुहर: नजीरुद्दीन अहमद चाहते थे ‘यूनाइटेड स्टेट्स...

संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है कि इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ है। संविधान के ड्राफ्ट में 'भारत' नाम का कहीं जिक्र नहीं था।

रामनाथ कोविंद, अमित शाह, गुलाम नबी आज़ाद… ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर मोदी सरकार ने बनाई कमिटी, इन 8 नामों को मिली जगह

8 सदस्यीय समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद भी शामिल हैं। 

राष्ट्रपति के हस्ताक्षर नहीं और बन गया कानून! कंगाल पाकिस्तान में राष्ट्रपति के कर्मचारी ही नहीं सुन रहे उनकी बात, ट्वीट कर रोया दुखड़ा:...

पाकिस्तान में संविधान को ताक पर रखकर बिना राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के ही कानून बना दिया गया है। वहाँ के राष्ट्रपति भी हैरान हैं। कर्मचारी उनकी बात नहीं सुन रहे।

भारत अनादि काल से आध्यात्मिक रहा है, संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ जोड़ने से देश की छवि धूमिल हुई: हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस

संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ने से देश की छवि को नुकसान हुआ है। यह कहना है जस्टिस पंकज मित्तल का।

बढ़ता आरक्षण हो, समान नागरिक संहिता या… कुछ और: संविधान दिवस बनेगा विमर्शों का कारण, पिछले 7 सालों में PM मोदी ने दी है...

विमर्शों का कोई अंतिम या लिखित निष्कर्ष निकले यह आवश्यक नहीं पर विमर्श हो यह आवश्यक है क्योंकि वर्तमान काल भारतीय संवैधानिक लोकतंत्र की यात्रा के मूल्यांकन का काल है।

ईशनिंदा कानून की माँग, यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध: भारत में हिंदू बना रहे सेकुलर, मुस्लिमों को चाहिए शरिया

मुस्लिम समाज औरों से धर्म निरपेक्षता की उम्मीद करता है पर खुद धर्मनिरपेक्ष होने के लिए तैयार नहीं है। बोर्ड के प्रस्ताव में केवल मुस्लिम समाज के ईशों की निंदा की बात की गई है।

आरक्षण किसे और कब तक: समान नागरिक संहिता पर बात क्यों नहीं? – कुछ फैसले जो अभी बाकी हैं

भारत की धर्म निरपेक्षता के खोखलेपन का ही सबूत है कि हिंदुओं के पास आज अपनी एक 'होम लैंड' नहीं है जबकि कथित अल्पसंख्यक...

लव जिहाद पर ‘संविधान पढ़ो’… लेकिन 3-तलाक पर ‘कानून से सामाजिक बुराई खत्म नहीं’ – ओवैसी का डबल स्टैंडर्ड

"इस तरह का कानून संविधान के खिलाफ है। स्पेशल मैरिज एक्ट को तब खत्म कर दें। कानून की बात करने से पहले उन्हें संविधान को पढ़ना चाहिए।”

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