सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस मुरलीधर के स्थानांतरण की सिफारिश की थी। ऐसा रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया। जस्टिस मुरलीधर के अलावा दो और जजों के तबादले के आदेश जारी किए गए हैं। इनमें से एक मुंबई हाईकोर्ट से तो दूसरे कर्नाटक हाईकोर्ट से संबद्ध हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के विडियो के आधार पर जानबूझ कर एकतरफा हंगामा किया जा रहा। उन्होंने हाईकोर्ट से पुलिस को बदनाम करने की कोशिशों पर लगाम लगाने की अपील की।
जस्टिस मुरलीधर ने कोर्ट में कपिल मिश्रा के बयान वाला वीडियो चलाने का आदेश दिया। पुलिस अधिकारी ने पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के साथ खड़े सब-इंस्पेक्टर की पहचान की।
मुजीब ने दावा किया है कि वो लाइब्रेरी में बैठ कर पढ़ाई कर रहा था, तभी पुलिस ने उसकी पिटाई की। उसकी दोनों टाँगें टूट गई। इलाज पर 2.5 लाख रुपए खर्च हुए हैं। उसकी याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।
"हमने कई बार इस फिल्म के ट्रेलर देखे और और पाया कि उसमें दिखाए गए कंटेंट आपत्तिजनक हैं। इसमें कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन के लिए कट्टरपंथियों को जिम्मेदार बताया गया है। जबकि सच्चाई यह नहीं है। यह फ़िल्म पूरे देश के माहौल को ख़राब..."
निर्भया की माँ आशा देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दोषियों के वकील खुलेआम चुनौती दे रहे हैं, कि दोषियों को कभी फाँसी नहीं दी जाएगी और ऐसे ही फाँसी की तारीख आगे बढ़ती रहेगी। इससे साफ है कि कोर्ट और सरकार दोषियों को बचाने का काम कर रही है।
पिछले कई दिनों से फरार चल रहे देशद्रोह के आरोपित शाहीन बाग़ के सरगना शरजील इमाम को गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहाँ से आरोपित शरजील को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इसके बाद अब पुलिस दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी।
निर्भया मामले में फाँसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद बुधवार शाम को पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ-वारंट पर रोक लगाने की माँग करते हुए याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने आज इसपर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया।
जज कामिनी लाऊ ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण के फेसबुक पोस्ट में कुछ भी ग़लत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर जामा मस्जिद पाकिस्तान में है, फिर भी वहाँ जाकर प्रदर्शन किया जा सकता है क्योंकि वो भी भारत का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि विरोध करना संवैधानिक अधिकार है।
सीबीआई की चार्जशीट में बताया गया है कि रिश्वत की बात पेड़, गमला, समान और प्रसाद जैसे कोड वर्ड के जरिए की गई। हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का कोड वर्ड 'मंदिर' था। हवाला लेन-देन के लिए 'दस रुपए का नोट' कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया।