हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से हिन्दुओं में डर व्याप्त है। मैं भी उन्हीं में से एक हूँ। मुझे भी भयानक सपने आते हैं और फर्श पर ‘अगला नंबर तुम्हारा है’ लिखा हुआ नजर आता है। मेरे जानने वाले लोग ये मानते हैं कि मैं सही कर रहा हूँ और ये समय की माँग है, लेकिन खतरे से भरा है। मेरे माता-पिता को नहीं पता कि पत्रकार क्या होता है वरना वो भी मुझसे कहेंगे कि सब कुछ छोड़कर गाँव आ जाओ, खेती करो।
कोई भी माँ-बाप अपने बच्चे को चाकू से हलाल होते हुए नहीं देख सकता। तो क्या मैं मान लूँ कि हिन्दू ही इस देश के असली आतंकी हैं और कट्टरपंथी सताए जा रहे हैं? क्या मैं ये मान लूँ कि जय श्री राम आतंकवादियों का नारा है? जैसा कि पतित पत्रकार और मीडिया गिरोह बार-बार लोगों को बताना चाह रहा है। क्या इस्लाम शांतिप्रिय है और सारे कट्टरपंथी डरकर जीने को मजबूर हैं?
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