केरल हाई =कोर्ट ने एक मामले में एक 12 वर्ष की गर्भवती लड़की को गर्भपात की अनुमति देने से मना कर दिया है। बच्ची के अपने ही नाबालिग भाई से सम्बन्ध थे जिसके कारण वह गर्भवती हो गई और अब उसने इस मामले में केरल हाईकोर्ट के सामने गर्भ गिराने की इजाजत माँगी थी। यह निर्णय केरल हाईकोर्ट ने 22 दिसम्बर, 2023 को सुनाया था।
न्यायिक मामलों के बारे में रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट ‘लाइव लॉ’ के अनुसार, एक 12 वर्षीय नाबालिग ने कोर्ट के सामने यह याचिका लगाई थी कि उसे चिकित्सीय तौर पर गर्भपात की इजाजत दी जाए। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने बच्ची के गर्भ की जाँच के लिए एक मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश दिया था।
मेडिकल बोर्ड के गठन के बाद यह सामने आया था कि बच्ची 34 सप्ताह की गर्भवती है और ऐसे में उसे गर्भपात की इजाजत उसकी कम आयु के चलते दी जा सकती है और यह उसकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करेगा। हालाँकि, कोर्ट ने इस पर दुबारा जाँच करने को कहा। कोर्ट को गर्भपात की जगह पर मेडिकल बोर्ड ने सुझाया कि 2-3 सप्ताह के बाद बच्ची के ऑपरेशन के जरिए उसके गर्भ को निकाला जाए क्योंकि वो बच्चे को जन्म देने के लिए पूरी तरह से स्वस्थ है। ऐसे में कोर्ट ने गर्भ के विकसित हो जाने और अन्य कारणों को सामने रखते हुए गर्भपात की इजाजत देने से मना कर दिया।
केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “गर्भ अब 34 सप्ताह का हो गया है और अब पूरी तरह से विकसित हो कर बाहर की जिन्दगी की तैयारी कर रहा है। ऐसे में गर्भपात की इजाजत नहीं दी जा सकती और बच्चे को जन्म लेने दिया जाएगा।” उच्च न्यायालय ने इस बात पर हैरानी जताई कि बच्ची के गर्भवती होने के विषय में अब तक माता-पिता को जानकारी ही नहीं थी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्ची को उसके माता-पिता के साथ रखा जाए ताकि उसकी देखभाल की जाए। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि नाबालिग के बच्चे के जन्म के लिए ऑपरेशन का सहारा लिया जाए या फिर सामान्य तरीके से जन्म इसका निर्णय लेने की छूट माता-पिता को दी है।
कोर्ट ने बच्ची के नाबालिग भाई, जिसके ऊपर उसे गर्भवती करने के आरोप हैं, उसे उसके आसपास आने देने से रोकने को कहा है। उन्होंने कहा है कि उसका नाबालिग भाई बच्ची से किसी भी तरह का सम्बन्ध ना स्थापित कर पाए। इसकी जिम्मेदारी बच्ची के माता-पिता को दी गई है।