Tuesday, November 5, 2024
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कानपुर में विकास यादव की लिंचिंग, अशरफ, इरफ़ान और जावेद गिरफ्तार

शफी के परिजन किसी न किसी तरीके से विकास और उसके परिवार को परेशान कर रहे थे। मामला तब थोडा ठंडा पड़ा जब परिवार द्वारा पुलिस की मदद ली गई, इसके बाद विकास को अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।

उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के बिन्दकी नगर में मुसलामानों द्वारा एक हिन्दू को घेरकर बेहिसाब मारने की घटना सामने आई है। इस घटना को लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक मजहबी भीड़ एक व्यक्ति को पेड़ से बाँधकर बुरी तरह मार रही है।

घटना तब शुरू हुई जब आटा खरीदने पहुँचा विकास यादव नाम के एक युवक की दुकान के मालिक शफी से किसी बात पर कहासुनी हो गई। इसके बाद यह विवाद इतना बढ़ गया कि विकास को खून की भूखी कट्टरपंथी भीड़ ने पेड़ पर बाँधकर मारते-मारते लहूलुहान कर दिया। हालाँकि इस पूरे मामले के दौरान विवाद करने वाले शफी को भी कुछ हल्की चोटें आईं मगर कट्टरपंथियों की भीड़ ने विकास को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विकास यादव पर दुकानवाले ने चोरी का इल्ज़ाम लगाया था। इसके बाद दोनों के बीच बहस शुरू हुई तो दुकान मालिक शफी ने आसपास के लोगों को इकठ्ठा कर भीड़ लगा ली, जिसके बाद इस भीड़ ने पुलिस के दखल देने से पहले तकरीबन बीस मिनट तक विकास के साथ पूरी निर्दयता से मारपीट की।

हिंसक भीड़ से किसी तरह जब विकास को बचाकर पास के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर गंभीर चोटें आने की वजह से विकास के परिजनों ने उसे कानपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में रखने का फैसला किया। यहाँ पहले से ही मारपीट करने वाला दुकानदार शफी खुद भी इलाज के बहाने रुका टाँग पसारे पड़ा था। नतीजा यह हुआ कि विकास और उसके परिवार को इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ता। शफी के परिजन किसी न किसी तरीके से विकास और उसके परिवार को परेशान कर रहे थे। मामला तब थोडा ठंडा पड़ा जब परिवार द्वारा पुलिस की मदद ली गई, इसके बाद विकास को अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।

गाँव में विकास के घर के आसपास लोग इकठ्ठा होने लगे जब वहाँ यह खबर फ़ैल गई कि विकास अब नहीं रहा। रिश्तेदारों ने जब किसी तरह यह समझाया कि विकास जीवित है, उसका इलाज कानपुर के एक अस्पताल में चल रहा है यह सुनकर कहीं भीड़ तितर-बितर हुई। इसके बाद से ही गाँव में तनाव का माहौल है। विकास के साथ हुई इस घटना के करीब दो दिन बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के मुताबिक विवाद की शुरुआत विकास यादव ने की जिसके बाद दुकान वाले ने हल्ला मचा कर आसपास से लोगों को इकठ्ठा कर लिया।

बुधवार रात FIR दर्ज होने के बाद ही पुलिस ने मामले में गिरफ़्तारी शुरू कर दी। फतेहपुर के एसपी रमेश ने बताया कि जल्द ही मामले से जुड़ी अन्य गिरफ्तारियाँ भी होंगी। बता दें कि यह एफआईआर विकास के भाई धीरेन्द्र यादव ने कुछ नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी। अभी तक इस मामले में पुलिस ने मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद इरफ़ान और मोहम्मद जावेद को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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