नेपाल की सरकार ने चाइनीज शॉर्ट वीडियो ऍप टिकटॉक पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। नेपाल, भारत और अफगानिस्तान के बाद दक्षिण एशिया का तीसरा ऐसा देश बन गया है जिसने चीनी मोबाइल ऍप पर प्रतिबन्ध लगाया है। यह निर्णय सोमवार (13 नवंबर, 2023) को हुई नेपाल सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया।
नेपाल सरकार ने कहा है कि टिकटॉक नेपाल के भीतर सामाजिक एकता और सौहार्द्र को नुकसान पहुँचाता है इसलिए इसे बैन किया जा रहा है। चीन के लिए नेपाल का यह कदम बड़ा झटका है। क्योंकि चीन लगातार पिछले कुछ समय से नेपाल में अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
सरकार का कहना है कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन टिकटॉक के कारण उनके सामाजिक ताने बाने को ठेस पहुँच रही है। दरअसल, नेपाल में बीते चार वर्षों में टिकटॉक पर 1,629 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
हालाँकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि टिकटॉक पर प्रतिबन्ध कब से लागू किया जाएगा। इस बात की संभावना है कि जल्द ही नेपाल में टिकटॉक चलना बंद हो जाएगा। नेपाल में वर्तमान में 22 लाख टिकटॉक यूजर हैं। बीते दिनों यह भी सामने आया था कि टिकटॉक पर नेपाल के भीतर जुआ और सट्टा तक खिलवाया जा रहा है।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि टिकटॉक पर बढ़ती फूहड़ता के चलते नेपाल में कई धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों पर टिकटॉक वीडियो बनाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इन जगहों पर ‘नो टिकटॉक’ के साइन बोर्ड लगाए गए हैं। समाज में फूहड़ता और सामाजिक समस्याएँ पैदा करने के अलावा टिकटॉक पर जासूसी के आरोप भी हैं।
नेपाल की पुष्प दहल कमल प्रचंड की सरकार के इस कदम के दक्षिण एशिया की राजनीति में बड़े प्रभाव पड़ने की संभावना है।
गौरतलब है कि भारत ने वर्ष 2021 में और अफगानिस्तान ने 2022 में टिकटॉक पर प्रतिबन्ध लगाया था। वहीं प्रचंड की सरकार लगातार अपने आप को चीन और भारत, दोनों का दोस्त दिखाने की कोशिश में लगी हुई है। हालाँकि, भारत नेपाल की इस नीति से ज्यादा प्रसन्न नहीं है। भारत नेपाल में अपना प्रभाव चीन के हाथों खोना नहीं चाहता है। वहीं चीन की सी जिनपिंग सरकार नेपाल में नया इन्फ्रास्ट्रक्चर बना कर नेपाल को अपने पाले में करना चाहती है।