संत रविदास का मंदिर तुगलकाबाद में उसी जगह बनेगा जहाँ पर वह पहले था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सोमवार (अक्टूबर 21, 2019) को अपनी मुहर लगा दी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसमें उसी जगह पर मंदिर बनाने के लिए जमीन देने की बात कही गई है।
Delhi’s Ravidas temple matter: Supreme Court today accepted Central government’s proposal to hand over the demolished Ravidas temple site to a committee of devotees to reconstruct the temple in Tughlakabad area in South Delhi. pic.twitter.com/higGMghwxS
— ANI (@ANI) October 21, 2019
बता दें कि कुछ महीने पहले ही प्रशासन ने दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित संत रविदास के मंदिर को गिरा दिया था। इसे लेकर जमकर बवाल भी हुआ और बाद में इस फैसले के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। अब केंद्र सरकार द्वारा इस मंदिर के निर्माण के लिए 400 गज जमीन दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ संत रविदास मंदिर की 400 वर्गगज जमीन सरकार की ओर से बनाई जाने वाली समिति को सौंपने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
Delhi’s Ravidas temple matter: Supreme Court also said that no commercial activity will be allowed, including that of paid parking lot there. It also directed Central government to form a committee within 6 weeks which will be overseeing the construction. https://t.co/K8C8SncLrO
— ANI (@ANI) October 21, 2019
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहाँ कोई भी व्यापारिक गतिविधि स्वीकार नहीं की जाएगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि मंदिर के मैनेजमेंट के लिए एक समिति का गठन करें। कोर्ट ने केंद्र सरकार को छ: सप्ताह के भीतर मंदिर निर्माण की देख-रेख के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समिति के सदस्य के तौर पर पूर्व सदस्य और अन्य केंद्र सरकार को आवेदन दे सकते हैं।
Delhi’s Ravidas temple matter: Central government also said that it will now increase the area to be allocated for Ravidas temple. https://t.co/K8C8SncLrO
— ANI (@ANI) October 21, 2019
बता दें कि पहले केंद्र ने 200 स्कॉयर मीटर जगह देने की बात कही थी, जिस पर सहमति नहीं बन पाई थी। गौरतलब है कि यह मंदिर दक्षिण दिल्ली में स्थित है, जिसको हटाने पर दिल्ली-एनसीआर में काफी विरोध हुआ था। तब दलितों द्वारा जंतर-मंतर पर एक बड़ा प्रदर्शन भी किया गया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि मंदिर ध्वस्त करने पर जिन्होंने प्रदर्शन किया था उन सभी को निजी मुचलके पर छोड़ दिया जाए।