Tuesday, May 21, 2024
Homeदेश-समाजमणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी समूह ने डाले हथियार: अमित शाह ने लोकतांत्रिक व्यवस्था...

मणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी समूह ने डाले हथियार: अमित शाह ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में किया स्वागत, नई दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर

अमित शाह ने उन सभी का लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वागत करते हुए शांति एवं विकास के रास्ते पर उनकी उन्नति की कामना की। उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें UNLF के सभी उग्रवादी अपनी-अपनी बंदूकें सौंप रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर को लेकर बड़ी जानकारी शेयर की है। बता दें कि मणिपुर पिछले कई महीनों से अशांत रहा है, जहाँ महिलाओं को नग्न कर उनका जुलूस निकाले जाने और उनके सामूहिक बलात्कार तक के मामला सामने आए थे। आगजनी की तो कई घटनाएँ सामने आई थीं। अब अमित शाह ने बताया है कि मणिपुर में बड़ी संख्या में उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता त्याग कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।

उन्होंने तस्वीरें शेयर करते हुए बताया, “एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई। पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने नई दिल्ली में बुधवार (29 नवंबर, 2023) को एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया। मणिपुर की पहाड़ियों के सबसे पुराने सशस्त्र समूह UNLF ने हिंसा के रास्ते को छोड़ कर मुख्यधारा में आने के लिए हामी भरी है।”

अमित शाह ने उन सभी का लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वागत करते हुए शांति एवं विकास के रास्ते पर उनकी उन्नति की कामना की। उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें UNLF के सभी उग्रवादी अपनी-अपनी बंदूकें सौंप रहे हैं। तस्वीरों में कई उग्रवादियों को पंक्ति में खड़े देखा जा सकता है। जबकि उनके हथियारों को भी जमीन पर रखा गया है। पिछले 59 वर्षों से मणिपुर में सक्रिय UNLF अलगाववादी विचारधारा वाला संगठन रहा है, जिसकी स्थापना 24 नवंबर, 1964 को हुई थी।

अरम्बम समरेंद्र सिंह ने इस समूह की स्थापना की थी। 70 एवं 80 के दशक में इसने जम कर भर्तियाँ की और अपना नेटवर्क बढ़ाया। 1990 के दशक में ये मणिपुर की कथित ‘आज़ादी’ की बातें करने लगा और इसने हथियार उठा लिए। 1990 में ही उसने ‘मणिपुर पीपल्स आर्मी’ भी बनाई थी। इसके अध्यक्ष राजकुमार मेघन उर्फ़ सना यैमा पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगा था। हालाँकि, उसने दावा किया था कि वो भारत के खिलाफ नहीं है, मणिपुर में सेना की उपस्थिति के खिलाफ है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

निजी प्रतिशोध के लिए हो रहा SC/ST एक्ट का इस्तेमाल: जानिए इलाहाबाद हाई कोर्ट को क्यों करनी पड़ी ये टिप्पणी, रद्द किया केस

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए SC/ST Act के झूठे आरोपों पर चिंता जताई है और इसे कानून प्रक्रिया का दुरुपयोग माना है।

‘हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए बनाई फिल्म’: मलयालम सुपरस्टार ममूटी का ‘जिहादी’ कनेक्शन होने का दावा, ‘ममूक्का’ के बचाव में आए प्रतिबंधित SIMI...

मामला 2022 में रिलीज हुई फिल्म 'Puzhu' से जुड़ा है, जिसे ममूटी की होम प्रोडक्शन कंपनी 'Wayfarer Films' द्वारा बनाया गया था। फिल्म का डिस्ट्रीब्यूशन SonyLIV ने किया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -