Friday, November 15, 2024
Homeराजनीति2020 के बाद 2 से अधिक बच्चे वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी: असम...

2020 के बाद 2 से अधिक बच्चे वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी: असम सरकार ने लिया फैसला

असम सरकार ने छोटे परिवार को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि माता-पिता अपने बच्चों को सही पोषण युक्त भोजन मुहैया करा सकें और उनके गुणवत्ता युक्त जीवन की व्यवस्था कर सकें।

असम सरकार ने बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में अब एक जनवरी 2021 के बाद से दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्तियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। सोमवार (अक्टूबर 21, 2019) देर शाम कैबिनेट की हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद असम जनसंपर्क विभाग की ओर से इस फैसले के संबंध में एक बयान भी जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के जनसंपर्क प्रकोष्ठ के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि छोटे परिवार के मानक के अनुसार 1 जनवरी 2021 से दो से अधिक बच्चे वालों को सरकारी नौकरी के लिए योग्य नहीं माना जाएगा। सरकार ने छोटे परिवार को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि माता-पिता अपने बच्चों को सही पोषण युक्त भोजन मुहैया करा सकें और उनके गुणवत्ता युक्त जीवन की व्यवस्था कर सकें।

इस नई नीति के तहत यह शर्त सिर्फ किसी को सरकारी नौकरी देते वक्त ही ध्यान में नहीं रखी जाएगी, बल्कि नौकरी के अंत तक सभी को इस नीति के हिसाब से यह ध्यान रखना होगा कि उनके बच्चों की संख्या दो से अधिक ना हो। बच्चों की संख्या दो से अधिक होने पर सरकारी नौकरी से उस व्यक्ति को निकाला भी जा सकता है।

इसके साथ ही बैठक में भूमिहीन लोगों के लिए भी फैसले लेते हुए नई जमीन नीति घोषित की गई। सरकार ने फैसला किया है कि भूमिहीन किसानों को तीन बीघा कृषि भूमि और एक मकान बनाने के लिए आधा बीघा जमीन मुहैया कराई जाएगी। इस तरह से मिलने वाली जमीन को 15 साल तक नहीं बेचा जा सकता है। इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में बस किराए में 25 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2017 में असम विधानसभा ने ‘असम की जनसंख्या और महिला सशक्तीकरण नीति’ पारित की थी, जिसमें कहा गया था कि दो बच्चों वाले नौकरी के उम्मीदवार ही केवल सरकारी नौकरी के लिए पात्र होंगे और मौजूदा सरकारी कर्मचारी दो बच्चों के परिवार के मानदंडों का सख्ती से पालन करेंगे। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नाथूराम गोडसे का शव परिवार को क्यों नहीं दिया? दाह संस्कार और अस्थियों का विसर्जन पुलिस ने क्यों किया? – ‘नेहरू सरकार का आदेश’...

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ ये ठीक उसी तरह से हुआ, जैसा आजादी से पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों के साथ अंग्रेजों ने किया था।

पटाखे बुरे, गाड़ियाँ गलत, इंडस्ट्री भी जिम्मेदार लेकिन पराली पर नहीं बोलेंगे: दिल्ली के प्रदूषण पर एक्शन के लिए ‘लिबरल’ दिमाग के जाले साफ़...

दिल्ली में प्रदूषण को रोकना है तो सबसे पहले उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना होगा जो इसके जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ बोलना होगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -