प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी अभियानों में एक अभियान स्मार्ट सिटी अभियान भी है; जिसका मक़सद भारतीय शहरों में ‘ईज ऑफ़ लिविंग’ को प्रोत्साहन देना है। इस अभियान के तहत 6,85,758 करोड़ रुपये के निवेश का असर शहरों में परिवहन, स्वच्छता, प्रशासनिक कार्यप्रणाली, पर्यावरण और लोगों की मानसिकता पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस प्रभावशाली अभियान से प्रधानमंत्री मोदी की देश को आगे ले जाने की सोच बयां होती है।
जानकारी के मुताबिक स्मार्ट सिटी अभियान के तहत 2,05,018 करोड़ रुपये की 5000 से ज़्यादा स्मार्ट परियोजनाओं की शुरूआत की गई थी। इन परियोजनाओं के फलीभूत होने से निश्चित रूप से शहरों की तस्वीर बदली है और आगे भी बदलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी क्षेत्रों में 65 लाख से ज़्यादा मकानों के निर्माण को मंज़ूरी भी दी गई। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए इस क़दम से शहरी क्षेत्रों की दशा बेहतर होने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
अमृता योजना के तहत पानी, सीवरेज और सफ़ाई के लिए 77,640 करोड़ रुपये की योजना का प्रावधान किया गया जो कि सामान्य जन-जीवन को पहले से बेहतर करने में सहायक सिद्ध होगा।
शहरों के लिए लाइफ़लाइन बनी मेट्रोलाइन के ज़रिये आवागमन को सरल और उसे विस्तार देने के लिए युवाओं के कौशल का विकास कर उन्हें ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना’ और ‘राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन’ के तहत रोज़गारपरक प्रशिक्षण दिया गया है। ऐसा करने से एक तरफ तो युवाओं को रोज़गार मुहैया होगा और दूसरी तरफ शहरों के नवीनीकरण को भी विस्तार मिलेगा।
इसके अलावा क़रीब 12 शहरों के लिए ‘सिटी हृदय योजना’ के कार्यान्वयन को भी मंज़ूरी दी गई जिसका असर आने वाले समय में बख़ूबी देखने को मिलेगा।
शहरों की सुरक्षा और उसकी निगरानी के लिए ‘स्मार्ट कमांड’ और ‘कंट्रोल सेंटर’ योजना के लिए लगभग 11 शहरों में परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और 29 शहरों में काम चल रहा है। इसके अलावा ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों के सौंदर्यीकरण से संबंधित परियोजनाएँ 16 शहरों में पूरी की जा चुकी हैं और क़रीब 32 शहरों में काम चल रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन के ज़रिये मूलभूत शहरी सुधार, शहरों के कायाकल्प की योजनाएँ, निजी और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के ज़रिये बदलाव की शुरूआत की जा चुकी है।
यह मिशन प्रधानमंत्री मोदी की सटीक दूरदर्शिता और उनकी बेहतर कार्यशैली को स्पष्ट रूप से दिखाता है। निश्चित रूप से ये सभी परियोजनाएँ उनके विरोधियों और आलोचकों के लिए क़रारा जवाब है, जो बेवजह की अड़चनों से देशवासियों के ध्यान को भटकाने का काम करती हैं।