Monday, May 13, 2024
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अयोध्या का महंत दुष्कर्म केस में गिरफ्तार: प्राण-प्रतिष्ठा से पहले खबर को लोग कर रहे वायरल – सनातन को बदनाम करने की साजिश या फेक न्यूज, जानिए सच

हकीकत तो यह है कि ये मामला साल 2018-19 का है, जिसे घटिया मंशा के साथ आज के समय में प्रासंगिक बनाकर पेश करने का प्रयास हो रहा है। ऐसी हरकतों के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अयोध्या पुलिस को शिकायत दी जा रही है।

राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन जिस तरह नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे विरोधी दल लगातार सनातन धर्म को बदनाम करने में लगे हैं। इसी क्रम में खोज-खोजकर पुरानी खबरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं। हाल में देखा गया कि एक अयोध्या के एक महंत के गिरफ्तार होने की खबर फैलाने का काम हुआ।

खबर की हेडलाइन है- अयोध्या के चंद्रहरि मंदिर का महंत कृष्णकांताचार्य दुष्कर्म में गिरफ्तार।

इस खबर की तस्वीर को उस प्रतीक पटेल ने शेयर किया है जो खुद को ओबीसी समाज की आवाज बताता है।

प्रतीक पटेल ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले फैलाई पुरानी खबर

उसके एक्स अकॉउंट पर मौजूद जानकारी से पता चलता है कि उसका झुकाव जदयू की तरफ है। उसके बायो में उसने खुद को नीतीश कुमार का सैनिक बता रखा है और जनता दल यूनाटिड में खुद को सोशल एक्टिविस्ट कहा है।

प्रतीक पटेल का एक्स अकॉउंट पर मौजूद जानकारी

इस खबर को खुद को विचारक, इतिहास पाठक, सामाजिक कार्यकर्ता, मानवतावादी, समाजवादी, कर्पूरीवादी, मंडलवादी, अंबेडकरवादी बताने वाले और नीतीश सरकार के प्रति खास झुकाव रखने वाले भानू नंद ने भी बड़ी चालाकी के साथ इस खबर को फैलाने का काम किया।

भानू नंद का एक्स पर बायो

भानू नंद ने पोस्ट में लिखा, “खबरदार जो किसी ने कुछ उल्टा सीधा लिखा! अंधभक्तों की भावनाएँ बहुत जल्दी आहत हो जाती हैं, हम उनकी भावनाओं का पूरा ख्याल रखेंगे। क्या आप लोग उनकी भावनाओं का ख्याल रखेंगे?”

तथाकथित बुद्धिजीवी की हरकत

अपने आपको वकील बताने वाले शैलेश वर्मा ने इस खबर को साझा करते हुए लिखा- “मामला अयोध्या के महंत कृष्णकांतचार्य का है जिनकी उम्र लगभग 60 वर्ष है। इस मामले में अंधभक्तों की भावनाएं कभी आहत नही होंगी क्योंकि अंधभक्तों के घर वाले ही ऐसे बाबाओं को ज्यादा पसंद करते है। अब रामराज स्थापित हो रहा है तो सारे भक्त चुप्पी मार जाएँगेl”

वरिष्ठ वकील बताने वाले शैलेश ने फैलाई पुरानी खबर

5 साल पुरानी खबर की जा रही प्राण-प्रतिष्ठा से पहले शेयर

तमाम कुत्सित मानसिकता के लोग हैं जो राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले इस खबर से ऐसा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि जिस अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, वहाँ वर्तमान समय में महंत पद पर पैदा शख्स बलात्कार मामले में गिरफ्तार हो रहा है। नीचे खबरों की तारीख देख सकते हैं कि सारी 1 जनवरी 2019 की है।

जबकि, हकीकत तो यह है कि ये मामला साल 2018-19 का है, जिसे घटिया मंशा के साथ आज के समय में प्रासंगिक बनाकर पेश करने का प्रयास हो रहा है। ऐसी हरकतों के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अयोध्या पुलिस को शिकायत दी जा रही है। कहा जा रहा है कि 5 साल पुरानी तस्वीरें अभी किस खास मकसद से शेयर हो रही हैं इसका पता लगाया जाए और माहौल खराब करने में जुटे लोगों पर एक्शन हो।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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