अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान रामलला के विग्रह को स्थापित कर दिया है। विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में होना है। इसको लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है और पूरा देश राममय हो गया है। हालाँकि, विपक्षी दल भगवान को लेकर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने राममंदिर को लेकर राजनीति ना करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि ये सौभाग्य की बात है कि वर्तमान पीढ़ी के दौर में राम मंदिर में बन रहा है और इस मंदिर में सबको आशीर्वाद लेने के लिए जाना चाहिए। वहीं, गुजरात के कॉन्ग्रेस विधायक सीजे चावड़ा ने प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकराने से दुखी होकर विधायकी से इस्तीफा दे दिया है।
पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कहा, “कौन क्या कहता है, ये अलग बात है। सही बात ये है कि ये जो मंदिर… धाम… बनने जा रहा है, ये हम सबका सौभाग्य है कि हमारे दौर में ये सब चीजें हो रही हैं। हमें वहाँ जाना चाहिए और आशीर्वाद लेना चाहिए। मैं तो यही कहूँगा कि कोई जाए या ना जाए, मेरी जो भगवान में आस्था है और मेरा जो यकीन है, मैं तो जरूर जाऊँगा।”
हरभजन सिंह ने आगे कहा, “कोई पार्टी जाए या ना जाए, मेरा अपना ये स्टैंड है कि मैं भगवान में विश्वास करता हूँ और वहाँ जरूर जाऊँगा। कॉन्ग्रेस को जाना है जाए, नहीं जाना है नहीं जाए… जो करना है करे। मेरे जाने से अगर किसी को कोई दिक्कत है तो उन्हें जो करना है करे। मेरा मानना है कि मैं जीवन में जो कुछ भी हूँ, ये उसकी (भगवान की) कृपा है और आशीर्वाद लेने जरूर पहुँचूँगा।”
#WATCH | On opposition parties declining invitation to Ayodhya Ram Temple ‘Pran Pratishtha’ ceremony, former Cricketer and Rajya Sabha MP Harbhajan Singh says, " It is our good fortune that this temple is being built at this time, so we all should go and get the blessings.… pic.twitter.com/YUAplDGMNk
— ANI (@ANI) January 19, 2024
ये सिर्फ आम आदमी पार्टी के सांसद का विचार नहीं है, बल्कि कॉन्ग्रेस पार्टी में ऐसे कई लोग हैं जो पार्टी की लाइन से हटकर अयोध्या जा रहे हैं और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग ले रहे हैं। इनमें प्रमुख नाम हिमाचल प्रदेश की कॉन्ग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके मंत्री बेटे विक्रमादित्य सिंह भी प्रमुख हैं। वहीं, गुजरात के वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता सीजे चावड़ा ने पार्टी के निर्णय के विरोध में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
गुजरात के विजापुर निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक चावड़ा ने शुक्रवार (19 जनवरी 2024) को गाँधीनगर में विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अपने इस्तीफे में चावड़ा ने कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है, लेकिन कॉन्ग्रेस इसका बहिष्कार कर रही है। इससे वे परेशान हैं।
सीजे चावड़ा ने कहा, “मैंने कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे रहा हूँ। मैंने 25 साल तक कॉन्ग्रेस में काम किया है। इसका कारण यह है कि जब पूरे देश के लोग राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुश हैं। हर तरफ खुशी की लहर है। उस खुशी की लहर का हिस्सा बनने के बजाय इस पार्टी (कॉन्ग्रेस) ने जो रुख अपनाया है, वही परेशान होने का कारण है।”
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए चावड़ा ने आगे कहा, “हमें गुजरात के दो बड़े नेताओं पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यों और नीतियों का समर्थन करना चाहिए, लेकिन कॉन्ग्रेस में रहते हुए मैं ऐसा नहीं कर पाता। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है।” चावड़ा के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में कॉन्ग्रेस के विधायकों की संख्या अब सिर्फ 15 रह गई है।
चावड़ा ने जिस तरह का संकेत दिया है, उससे माना जा रहा है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालाँकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले आणंद जिले के खंभात से कॉन्ग्रेस विधायक चिराग पटेल ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि लोकसभा चुनावों को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस के बीच सीटों के बँटवारे पर सहमति बन जाने की खबर आ रही है।