अयोध्या में दिव्य और भव्य मंदिर में प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में यह अनुष्ठान पुरा हुआ है। इस मौके पर खुद को धन्य बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम मंदिर को भारतीय चेतना का मंदिर बताया। पीएम मोदी ने कहा, “हमारे राम आ गए। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए। सदियों के त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं।” वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज आत्मा इस बात से प्रफुल्लित है कि मंदिर वहीं बना है, जहाँ बनाने का संकल्प लिया था।
पीएम मोदी ने इस शुभ घड़ी की देशवासियों को बधाई देते हुए कहा, “मैं अभी गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूँ। आज के इस पल की चर्चा अब हमेशा होगी। ये राम जी की कृपा है कि हम सब साक्षात इस पल को जी रहे हैं, इसे घटित होते देख रहे हैं। यह मौका दिव्यता से परिपूर्ण है। प्रभु राम को भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। राम तो भारतवासियों के मन-मन में विराजे हुए हैं। हम किसी के भी मन को छुएंगे, तो एकत्व की अनुभूति होगी। इससे उत्कृष्ट भारत को समायोजित करने का सूत्र और क्या हो सकता है?”
पीएम मोदी ने भगवान हनुमान को प्रणाम करते हुए कहा कि जहाँ भी राम का काम होता है, वहाँ पवनपुत्र हनुमान अवश्य उपस्थित होते हैं। उन्होंने कहा, “मैं अयोध्या पुरी, पावन सरयू माँ को प्रणाम करता हूँ। मैं माता सीता, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न को नमन करता हूँ। सब हमारे आसपास उपस्थित हैं। मैं सभी को कृतज्ञतापूर्वक नमन करता हूँ। मैं आज प्रभु श्री राम से क्षमायाचना भी करता हूँ। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, हमारी तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।”
पीएम मोदी ने कहा, “त्रेता में राम आगमन पर पूज्य संत तुलसीदास ने लिखा है- प्रभु का आगमन देखकर ही समस्य देशवासी हर्ष से भर गए। लंबे वियोग से जो आपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया। उस काल खंड में तो वो वियोग केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। भारत के संविधान में उसकी पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूँगा भारत की न्यायपालिका को, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना।”
पीएम मोदी ने कहा, “आज गाँव-गाँव में एक साथ कीर्तन संकीर्तन हो रहे। मंदिरों में उत्सव हो रहे। स्वच्छता अभियान चल रहे हैं। पूरा देश आज दीपावली मना रहा है। शाम को घर-घर में रामज्योति जलाने की तैयारी हो रही है। कल मैं भगवान राम के आशीर्वाद से रामसेतु के प्रारंभ बिंदु अरिचल मुनाई पर था। जिस घड़ी राम जी लंका पर चढ़ाई करने निकले थे, मैं उस अद्भुत पल को महसूस कर रहा था। वहाँ मैंने पुष्प वंदना की। वहाँ मेरे भीतर एक विश्वास जगा, जैसे उस समय कालचक्र बदला था, वैसे फिर बदलेगा। शुभ दिशा में बढ़ेगा।”
अपनी बात को जारी रखते हुए पीएम मोदी ने कहा, “अपने 11 दिनों के व्रत के दौरान मैंने उन जगहों पर जाने का प्रयास किया, जहाँ प्रभु के चरण पड़े थे। चाहे नासिक हो, केरल हो, आंध्र प्रदेश का लेपाक्षी मंदिर हो या रामेश्वर और धनुषकोड़ी। मेरा सौभाग्य है कि मुझे सागर से सरयू तक आने का सौभाग्य मिला। मुझे देश के कोने-कोने में अलग-अलग भाषाओं में रामायण सुनने का अवसर मिला है। विशेषकर पिछले 11 दिनों में रामायण को अलग-अलग भाषा में अलग-अलग राज्यों में सुनने का मौका मिला।”
पीएम मोदी ने कहा, “राम लोक की स्मृतियों में लोक से लेकर परंपरा में सर्वत्र समाए हुए हैं। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में अपनी-अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है और ये रामरस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है। प्राचीन काल से भारत के हर कोने के लोग रामरस का आचमन करते रहे हैं। रामकथा असीम है और रामायण भी अनंत है। राम के आदर्श, मूल्य और शिक्षाएँ सब जगह एक समान हैं। आज इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तियों को याद कर रहा है, जिसके समर्पण की वजह से आज हम ये दिन देख रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सबके हैं। राम सिर्फ वर्तमान ही नहीं, राम अनंत काल तक हैं। आज जिस तरह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन से पूरा विश्व जुड़ा है, उसमें राम की सर्वव्यापकता का अनुभव हो रहा है। जैसा उत्सव भारत में है, वैसे ही दुनिया के अन्य देशों में है। राम का ये उत्सव वैश्विक उत्सव है। राम का होना वसुधैव कुटुंबकम है। ये साक्षात मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की प्राण प्रतिष्ठा है। सर्वे भवन्तु सुखिना। ये संकल्प हम सदियों से दोहराते रहे हैं। आज राम मंदिर में उसे साक्षात देखा जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “ये मात्र राम मंदिर नहीं है, ये भारत की दृष्टि का, दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की चेतना है… आधार है… विचार है। राम भारत का विधान हैं। राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन है। प्रवाह है, प्रभाव है। राम नेती भी है, नीति भी है, नित्यता भी है, निरंतरता भी है। विश्व है, विश्वात्मा है। इसलिए जब राम की प्राण प्रतिष्ठा होती है, तो उसका प्रभाव वर्षों शताब्दियों तक नहीं होता, सहस्त्राब्दियों तक होता है। राम 10 हजार वर्षों के लिए राज्य पर प्रतिष्ठित हुए यानि हजारों वर्षों के लिए रामराज्य स्थापित हुआ।”
नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब त्रेता में राम आए थे, तो हजारों वर्षों के लिए राम राज्य की स्थापना हुई थी। इसलिए देशवासियों, आज अयोध्या भूमि प्रत्येक भारतीय से कुछ सवाल कर रही है। श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया। अब आगे क्या? आज के इस अवसर पर, जो दैव, दैवीय आत्माएँ हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुए हैं, क्या हम उन्हें ऐसे ही विदा करेंगे? कदापि नहीं। आज मैं महसूस कर रहा हूँ कि कालचक्र बदल रहा है। हमारी पीढ़ी को कालचक्र के परिवर्तन के तौर पर चुना गया है। हजार वर्ष बाद भी हमें इसी रूप में याद किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “यही समय है, सही समय है। हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हमें सभी देशवासी को इसी पल से समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। राम के विचार मानस के साथ जनमानस में भी हो, यही राष्ट्रनिर्माण की सीढ़ी है। साथियों आज के युग की माँग है कि हमें अपने अंत:करण को विस्तार देना होगा। हमारी चेतना का विस्तार देव से देश तक, राम से राष्ट्र तक होनी चाहिए। हनुमान जी की भक्ति, सेवा, समर्पण ऐसे गुण हैं, जिन्हें हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता।”
पीएम मोदी के अनुसार, “प्रत्येक भारतीय में भक्ति, सेवा और समर्पण के लिए भाव समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत का निर्माण करेंगे। दूर-सुदूर कुटिया में जीवन गुजारने वाली मेरी आदिवासी माँ शबरी का ध्यान आते ही अप्रतिम विश्वास जागृत होता है। माँ शबरी तो कब से कहती थी, राम आएँगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास समर्थ, सक्षम, भव्य भारत का आधार बनेगा। यही तो है देव से देश तक, राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार। आज देश में निराशा के लिए रत्ती भर भी स्थान नहीं है। आज कोई अगर कोई खुद को छोटा समझता है, तो उसे गिलहरी के योगदान को याद करना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “गिलहरी का स्मरण ही हमें सिखाएगा कि छोटी-बड़ी ताकत का अपना योगदान होता है। यही भावना समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत का आधार बनेगी। यही तो है देव से देश तक, राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार। लंकापति रावण प्रकांड विद्वान, शक्तिशाली थे। लेकिन जटायू जी महाबली रावण से भिड़ गए। उन्हें भी पता था कि वो रावण को परास्त नहीं कर पाएँगे, लेकिन उन्होंने रावण को चुनौती दी। कर्तव्य की यही पराकाष्ठा समर्थ, सक्षम, भव्य भारत का आधार बनेगा। यही तो है देव से देश तक, राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार। हम संकल्प लें कि हम अपने जीवन का पल-पल, शरीर का कण-कण राम से राष्ट्र की चेतना में जोड़ देंगे।”
अयोध्या धाम में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा से पूरा भारतवर्ष राममय और भावुक है। https://t.co/nGzYkOttSy
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2024
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, “आज 500 वर्षों बाद रामलला यहाँ लौटे हैं। जिनके प्रयासों से हम आज का यह स्वर्ण दिन देख रहे हैं, उन्हें हम कोटि-कोटि नमन करते हैं। इस युग में रामलला के यहाँ वापस आने का इतिहास जो कोई भी श्रवण करेगा उसके सारे दुख-दर्द मिट जाएँगे, इतना इस इतिहास में सामर्थ्य है।”
#WATCH | RSS chief Mohan Bhagwat says "Today after 500 years, Ram Lalla has returned here and due to his efforts we are seeing this golden day today, we pay our utmost respect to him. The history of this era has so much power that whoever listens to the stories of Ram Lalla, all… pic.twitter.com/YkxcpvYkOo
— ANI (@ANI) January 22, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “श्रीराम जन्मभूमि संभवत: विश्व में पहला ऐसा अनूठा प्रकरण होगा, जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही राष्ट्र में अपने आराध्य की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने वर्षों और इतने स्तरों पर लड़ाई लड़ी हो… आज आत्मा प्रफुल्लित है इस बात से कि मंदिर वहीं बना है, जहाँ बनाने का संकल्प लिया था।”
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, "The temple has been built where we had resolved to build it…"#PranPratishthaRamMandir pic.twitter.com/pgAlnm7NKo
— ANI (@ANI) January 22, 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रभु रामलला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई… मन भावुक है… निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे… आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है… हर मन में राम नाम है। हर आँख हर्ष और संतोष के आँसू से भीगी है। हर जुबान राम नाम जप रही है। रोम-रोम में राम रमे हैं…ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गए हैं…”
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, "The entire country has become 'Rammay'. It seems that we have entered Treta Yug…"#RamMandirPranPrathistha pic.twitter.com/6Sd7lJrOy8
— ANI (@ANI) January 22, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अब अयोध्या की सड़कें गोलियों की आवाज से नहीं गूँजेंगी। कोई कर्फ्यू नहीं होगा। अब यहाँ दीपोत्सव और रामोत्सव होगा। स्थापना के चलते सड़कों पर श्रीराम नाम संकीर्तन गूँजेगा, यहाँ रामलला के रामराज्य का उद्घोष हैं…”
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, "Now the streets of Ayodhya won't echo with gunshots. There will be no curfew. Now there will be Deepotsav and Ramotsav here. Shri Ram's name 'Sankirtan' will echo in the streets because the establishment of Ram Lalla here is the… pic.twitter.com/Kigqt3UVVm
— ANI (@ANI) January 22, 2024
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना उपवास तोड़ा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या के पूर्ण राम मंदिर की चाँदी की प्रतिकृति भेंट की।#WATCH अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना उपवास तोड़ा। pic.twitter.com/JyNpqe80m1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2024
#WATCH अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।#RamMandirPranPrathistha pic.twitter.com/SYhJniJ2AX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2024
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आज कई बॉलीवुड हस्तियां शामिल हुईं। निर्देशक रोहित शेट्टी और राजकुमार हिरानी, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने, आलिया भट्ट-रणबीर कपूर, कैटरीना कैफ-विक्की कौशल और आयुष्मान खुराना ने कार्यक्रम स्थल पर एक तस्वीर के लिए पोज दिया।
Several Bollywood celebrities attended the Ayodhya Ram Temple Pranpratishtha ceremony today.
— ANI (@ANI) January 22, 2024
Directors Rohit Shetty & Rajkumar Hirani, actors Madhuri Dixit Nene, Alia Bhatt-Ranbir Kapoor, Katrina Kaif-Vicky Kaushal and Ayushmann Khurrana pose for a photograph at the venue. pic.twitter.com/ufZbtmj4f9
बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दोपहर में भव्य तरीके से संपन्न हो गया। इसी के साथ सनातनियों की सदियों की तपस्या भी पूर्ण हो गई, जिसके लिए वो 500 वर्षों तक त्याग और बलिदान करते रहे। मंत्रोच्चार एवं वैदिक कर्मकांड के साथ रामलला को प्राण प्रतिष्ठित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मुख्य यजमान की भूमिका निभाई। वो चाँदी का मुकुट लेकर गर्भगृह में पहुँचे थे।