लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या के बाद उनकी पत्नी किरण तिवारी को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया है। हिन्दू समाज पार्टी के द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, किरण तिवारी आज शाम को प्रेस कॉन्फ्रेन्स को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने यूपी पुलिस पर अपने पति को सुरक्षा न देने के लिए निशाना साधा और साथ ही आरोपितों को फाँसी पर लटकाने की माँग की। उन्होंने कहा कि परिवार ने कभी वित्तीय मदद की माँग नहीं की।
Kiran Tiwari, wife of former Hindu Samaj Party president Kamlesh Tiwari, declared the new party president. https://t.co/JHuzpCaq6k pic.twitter.com/OSEqNELLDK
— ANI UP (@ANINewsUP) October 26, 2019
पति की हत्या के बाद पत्नी किरण तिवारी ने पुलिस को बताया था कि उनके पति को जानलेवा धमकियाँ मिलती थीं। उन्होंने अपनी तहरीर में साफ़ लिखा था कि यूपी में बिजनौर ज़िले के रहने वाले मोहम्मद मुफ़्ती नईम काज़मी और अनवारुल हक़ ने साल 2016 में उनके पति का सिर काटने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए के ईनाम की सार्वजनिक घोषणा की थी। इस सन्दर्भ में कमलेश तिवारी की पत्नी ने पुलिस में दोनों आरोपितों के ख़िलाफ़ दफ़ा-302 के तहत मुक़दमा दर्ज करने की तहरीर दी थी। उन्होंने दावा किया था कि इन दोनों ने साज़िशन उनके पति की हत्या कराई है।
उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की थी और हत्यारों को फाँसी की सज़ा दिलाए जाने की माँग की थी। साथ ही उन्होंने यह माँग भी की थी कि उनके दिवंगत पति की हत्यारों को जेल में रोटी न खिलाई जाए।
बता दें कि इस मामले में सभी साज़िशकर्ता और दोनों हत्यारे पकड़े जा चुके हैं। सूरत से मौलाना शेख, फैजान और रशीद पठान को गिरफ़्तार किया गया था। मंगलवार (अक्टूबर 21, 2019) को गुजरात एटीएस ने संदिग्ध हत्यारों अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन को दबोचा था। आरोपितों ने अपना गुनाह क़बूल भी कर लिया है। ये दोनों लगातार यूपी पुलिस को चकमा दे रहे थे, लेकिन इन्हें गुजरात और राजस्थान की सीमा से धर-दबोचा गया। अशफ़ाक़ एमआर का काम करता था, वहीं मोईनुद्दीन जोमाटो का डिलीवरी बॉय था।
क़रीब 6 घंटे की पूछताछ में मुख्य आरोपित अशफ़ाक और मोइनुद्दीन अपने ज़ुर्म पर बिना किसी ख़ौफ़ के बयान दिया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार (18 अक्टूबर) को सुबह क़रीब 10:30 बजे जब वो हत्या के मक़सद से भगवा कपड़े पहनकर खुर्शीदाबाद के लिए निकले थे, तो रास्ते में दरगाह में उन्होंने नामज़ पढ़ी थी।
महज़ डेढ़ मिनट के अंदर हत्या की इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों ने अपना ज़ुर्म क़बूलते हुए कि वो लोग कमलेश तिवारी का सिर धड़ से अलग करना चाहते थे। इसके बाद सिर को हाथ में लेकर वीडियो बनाकर दहशत फैलाना चाहते थे। ऐसा करके वो लोगों को चेताना चाहते थे कि अब कोई धार्मिक विवादित टिप्पणी न करे।
गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को उनके कार्यालय में हत्या कर दी गई थी। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में ख़ुलासा हुआ कि कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या को मौलाना मोहसिन ने शरियत क़ानून के क़त्ल-ए-वाजिब के सिद्धांत के तहत जायज़ ठहराया था। उसने राशिद के भाई मोईनुद्दीन और अशफ़ाक़ को इसके लिए तैयार किया था।