Sunday, November 17, 2024
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‘बचपन से सुन रही गरीबी हटाओ का नारा, अब साकार होते देखा’: संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राम मंदिर का भी किया जिक्र, बजट सत्र शुरू

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बुधवार (31 जनवरी 2024) को संसद के आखिरी बजट सत्र की शुरुआत हो गई। सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित किया और सरकार के कामों को संसद को बताया। राष्ट्रपति ने कहा, "हमने बचपन से गरीबी हटाओ का नारा सुना था, लेकिन अब इसे साकार होते देख रहे हैं।"

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बुधवार (31 जनवरी 2024) को संसद के आखिरी बजट सत्र की शुरुआत हो गई। सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित किया और सरकार के कामों को संसद को बताया। राष्ट्रपति ने कहा, “हमने बचपन से गरीबी हटाओ का नारा सुना था, लेकिन अब इसे साकार होते देख रहे हैं।” अगले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी।

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नए सदन में यह उनका पहला संबोधन है। उन्होंने कहा, “आज़ादी के अमृतकाल की शुरुआत में यह भव्य भवन बना है। यहाँ एक भारत श्रेष्ठ भारत की महक भी है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की चेतना भी है। इसमें हमारी लोकतांत्रिक और संसदीय परंपराओं के सम्मान का प्रण भी है। आजादी के अमृतकाल उत्सव के दौरान मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत गाँवों की मिट्टी की अमृत कलश यात्रा निकाली गईं।”

राष्ट्रपति ने आगे कहा, “सत्तर हजार अमृत सरोवर बनाए हैं। दो करोड़ से ज्यादा पेड़ लगवाए। कर्त्तव्यपथ को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई। पीएम स्मारक खोला गया है। तमाम संकटों के बीच भारत एक अग्रणी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर झंडा फहराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। हमने अनुच्छेद 370 हटा दिया। हमने बचपन से गरीबी हटाओ का नारा सुना था, अब हम इसे साकार होते देख रहे हैं।”

आजादी के अमृत महोत्सव में हुए अभूतपूर्व काम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “यह हमारे संविधान के लागू होने का भी 75वाँ वर्ष है। इसी कालखंड में आजादी के 75 वर्ष का उत्सव, अमृत महोत्सव भी संपन्न हुआ है। इस दौरान देश भर में अनेक कार्यक्रम हुए। देश ने अपने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। 75 साल बाद युवा पीढ़ी ने फिर स्वतन्त्रता संग्राम के उस कालखंड को जिया।” राष्ट्रपति ने कहा, “इस उत्सव के दौरान 2 लाख से ज्यादा शिला-फलकम स्थापित किए गए। 3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंच प्राण की शपथ ली।”

उन्होंने आगे कहा, ” 70 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बने। 2 लाख से ज्यादा अमृत वाटिकाओं का निर्माण हुआ। 16 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी अपलोड की। शांति निकेतन और होयसला मंदिर वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हुए। साहिबज़ादों की याद में वीर बाल दिवस घोषित हुआ। भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया गया। विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस घोषित किया गया।”

सरकार ने किए कई अहम बदलाव

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार द्वारा लाए गए महत्वपूर्ण विधेयकों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “बीते 12 महीनों में मेरी सरकार अनेक महत्वपूर्ण विधेयक लेकर भी आई। ये विधेयक, आप सभी संसद सदस्यों के सहयोग से आज कानून बन चुके हैं। ये ऐसे कानून हैं जो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के मजबूत आधार हैं। 3 दशक बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने के लिए मैं आपकी सराहना करती हूँ। इससे लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है। यह वीमेन लेड डेवलपमेंट के मेरी सरकार के संकल्प को मजबूत करता है। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट को मेरी सरकार ने लगातार जारी रखा है।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “सभ्यताओं के कालखंड में ऐसे पड़ाव आते हैं, जो सदियों का भविष्य तय करते हैं। भारत के इतिहास में भी ऐसे अनेक पड़ाव आए हैं। इस वर्ष 22 जनवरी 2024 को भी देश ऐसे ही एक पड़ाव का साक्षी बना है। सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। ये करोड़ों देशवासियों की आस्था है।” इस दौरान सांसदों ने सदन की मेज थपथपाकर स्वागत किया।

राष्ट्रपति बोलीं- 10 वर्ष की साधना का विस्तार हैं ये उपलब्धियाँ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “ये उपलब्धियाँ जो आज दिख रही हैं, वे बीते 10 वर्षों की साधना का विस्तार हैं। हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे थे। अब हम जीवन में पहली बार बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं। नीति आयोग के अनुसार, मेरी सरकार के एक दशक के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं। यह प्रत्येक गरीब में नया विश्वास जगाने वाली बात है। जब 25 करोड़ लोगों की गरीबी दूर हो सकती है तो उसकी भी गरीबी दूर हो सकती है। आज अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों को देखें तो यह विश्वास बढ़ता है कि भारत सही दिशा में है तथा सही निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रहा है।”

डिजिटल इंडिया से जीवन और बिजनेस दोनों हुए आसान

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने लगभग प्रत्येक मुद्दे को जगह दी। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार का एक और बड़ा रिफॉर्म, डिजिटल इंडिया का निर्माण है। डिजिटल इंडिया ने भारत में जीवन और बिजनेस, दोनों को बहुत आसान बना दिया है। आज पूरी दुनिया मानती है कि यह भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है। विकसित देशों में भी भारत जैसा डिजिटल सिस्टम नहीं है। गाँवों में भी सामान्य खरीद-बिक्री डिजिटल तरीके से होगी, यह कुछ लोगों की कल्पना से भी परे था। आज दुनिया के कुल रियल टाइम डिजिटल लेनदेन का 46 प्रतिशत भारत में होता है। पिछले महीने UPI से रिकॉर्ड 1200 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए। इसके तहत 18 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड लेनदेन हुआ है।”

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस सरकार का ये आखिरी बजट सत्र है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को सरकार का अंतरिम बजट पेश करेंगी। चूँकि कुछ समय बाद ही लोकसभा चुनाव हैं, ऐसे में पूर्ण बजट नहीं पेश होगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दोनों सदनों में 2 फरवरी 2024 से चर्चा शुरू होगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 फरवरी 2024 को दोपहर 2 बजे राज्यसभा में चर्चा का जवाब देंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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