झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फ़िलहाल ED (प्रवर्तन निदेशालय) की गिरफ्त में हैं। जाँच एजेंसी ने उनकी एक BMW कार भी जब्त की थी। अब पता चला है कि ये कार कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद और शराब कारोबारी धीरज साहू ने ये लक्जरी कार खरीद कर उन्हें दी थी। ‘रिपब्लिक’ ने अपने सूत्रों के हवाले से ये दावा किया है। बता दें कि धीरज साहू के घर से ही आयकर (IT) विभाग ने 390 करोड़ रुपए जब्त किए थे। गुरुग्राम और कई ठिकानों पर छापेमारी कर के ED ने साहू-सोरेन लिंक का पता लगाया।
इसी दौरान पता चला कि उक्त BMW कार एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जब कंपनी को लेकर छानबीन की गई तो पता चला कि इसका स्वामित्व हेमंत सोरेन के पास है। बता दें कि 7 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एक नहीं, बल्कि 2 BMW कार उनके ठिकानें से बरामद की गई थीं। साथ ही 36 लाख रुपए और कुछ दस्तावेज भी मिले थे। हेमंत सोरेन 2 दिनों तक गायब रहे थे। वो दिल्ली से निकले, राँची में प्रकट हुए और इस्तीफा देकर चंपई सोरेन को CM नियुक्त किया।
आर्किटेक्ट विनोद सिंह को भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ही गिरफ्तार किया गया है, अब ED ने उसके साथ हेमंत सोरेन के चैट्स होने का भी खुलासा किया है। ये चैट्स 539 पेज की है। इसमें JSSC के कई एडमिट कार्ड्स भी हैं, ट्रांसफर-पोस्टिंग और लेनदेन की बातें हैं। उधर हेमंत सोरेन की रिमांड भी 5 दिन बढ़ा दी गई है। बिरसा मुंडा जेल (होटवार) में पदस्थापित जेल अधीक्षक नरेंद्र प्रसाद सिंह और हजारीबाग सेन्ट्रल जेल के अधीक्षक जितेंद्र कुमार की पोस्टिंग के लिए 75 लाख रुपए का ऑफर दिया गया था।
ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित घर से जो बीएमडब्ल्यू जब्त की गई, वह कांग्रेस के सांसद धीरज साहू के मानेसर स्थित घर के पते पर पंजीकृत थी। वही धीरज साहू जिनकी कंपनी से इनकम टैक्स ने 352 करोड़ रुपये जब्त किए थे.
— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया 🇮🇳 (@gauravbhatiabjp) February 8, 2024
भ्रष्टाचार के दीमक को जड़ से खत्म केवल ईमानदार प्रधान सेवक श्री… pic.twitter.com/FQRUcZgVMG
इसी तरह IAS शशि रंजन को हजारीबाग या बोकारो का DC बनाने के लिए पैरवी की गई थी। इसी तरह JSSC के तत्कालीन डिप्टी सेक्रेट्री रविराज शर्मा को RTA हजारीबाग का सेक्रेट्री या राँची नगर निगम का AMC और DRDA के ज्वाइंट सेक्रेटरी मोहम्मद हैदर अली को लातेहार का DDC बनाने की पैरवी भी की थी। बड़गाई अंचलाधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद की भी हेमंत सोरेन के साथ मिलीभगत है और इन्होंने मिल कर जमीन पर कब्ज़ा किया था।