Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजकिसान आंदोलन में आतंकी भिंडरावाले का झंडा: ट्रैक्टर से दिल्ली आने वाले वालों का...

किसान आंदोलन में आतंकी भिंडरावाले का झंडा: ट्रैक्टर से दिल्ली आने वाले वालों का मकसद क्या?

ये सारे ट्रैक्टर दिल्ली सीमाओं पर इकट्ठा होंगे। इन्हीं में देख सकते है कि खुलेआम बड़ा सा झंडा लगाकर इसे दिल्ली लाने की तैयारी हो रही है। वीडियो में दिख रहा है कि एक साथ कई ट्रैक्टर आगे बॉर्डर की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

किसान आंदोलन में खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले का पोस्टर अभी से दिखने लगा है। वीडियो सामने आई है जिसमें अंबाला के शंभू बॉर्डर के पास किसान अपने ट्रैक्टर लेकर फतेहगढ़ साहिब से आ रहे हैं। ये सारे ट्रैक्टर दिल्ली सीमाओं पर इकट्ठा होंगे। इन्हीं में देख सकते है कि खुलेआम बड़ा का झंडा लगाकर इसे दिल्ली लाने की तैयारी हो रही है।

वीडियो में दिख रहा है कि एक साथ कई ट्रैक्टर आगे बॉर्डर की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इसमें दूसरे नंबर पर जो ट्रक आ रहा है उसमें बड़ा सा झंडा लगा है जिसमें खालिस्तानी आतंकी भिंडारावाले का झंडा लगा है। इसे देखने के बाद लोग याद कर रहे हैं दिल्ली में जब इससे पहले किसान आंदोलन हुआ था तो किस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया।

याद दिला दें कि इससे पहले भी जब किसानों ने दिल्ली सीमाओं पर धरना देना शुरू किया था, उस समय भी प्रदर्शनकारियों के पास भिंडरावाले के पोस्टर देखे गए थे और फिर खुलेआम नारे सुनाई पड़े थे- “भिंडरावाले तेरी सोच पर राज करेगा…।” इसके अलावा ये बात भी गौर करनी वाली है कि जब-जब भिंडरावाले के पोस्टर या झंडे देखे जाते रहे हैं तब तब कट्टरपंथी खालिस्तानी भीड़ का उग्र चेहरा सामने आया है।

2020-2021 के किसान आंदोलन को ही यदि याद करें तो भीड़ ने नारेबाजी के साथ तिरंगा का अपमान किया था। इसके अलावा कुछ दिन पहले की ही बात है कि आतंकी भिंडरावाले का पोस्टर गुरुद्वारे में लगाने से जब रिटायर कर्नल ने मना किया था तो कैसे खालिस्तानी उन पर टूट पड़े थे और उनकी गाड़ी को तोड़ दिया गया था। इन सब घटनाओं को देखते हुए ये सोचना अहम है कि आखिर इन बड़े-बड़े ट्रैक्टरों में बैठकर कौन से किसान दिल्ली आ रहे हैं जिनके लिए ऐसे झंडे लगाने जरूरी हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -