Saturday, July 27, 2024
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‘भिंडरावाले तेरी सोच पर.. ‘- किसान आंदोलन में खुलकर लगे खालिस्तानी नारे, हुआ तिरंगे का अपमान: देखें वीडियो

इसमें सुन सकते हैं कि प्रदर्शनकारी कैसे हाथों में झंडा लिए आतंकी भिंडरावाले और आंतकी जगतार सिंह के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। कहा जा रहा है, “भिंडरावालें तेरी सोच पर राज करेगा... भाई जगतार जिंदाबाद-जिंदाबाद।” वीडियो बनाने वाला बार बार जगतार सिंह का नाम लेता है और भिंडरावाले की सोच को राज करवाने की बात कहता है।

दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के नाम भीड़ बढ़ाने वाले लगातार ये पूछ रहे हैं कि आखिर इतने पावन प्रदर्शन को कैसे खालिस्तानियों से जोड़ा जा सकता है। अब इसी सवाल के जवाब में कुछ वीडियोज सामने आई हैं, जिससे साफ हो रहा है कि पूरे प्रदर्शन में खालिस्तानियों की घुसपैठ है।

ये वीडियो ट्विटर पर अंशुल सक्सेना ने शेयर की है। इसमें सुन सकते हैं कि प्रदर्शनकारी कैसे हाथों में झंडा लिए आतंकी भिंडरावाले और आंतकी जगतार सिंह के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। कहा जा रहा है, “भिंडरावाले तेरी सोच पर राज करेगा… भाई जगतार जिंदाबाद-जिंदाबाद।” वीडियो बनाने वाला बार बार जगतार सिंह का नाम लेता है और भिंडरावाले की सोच को राज करवाने की बात कहता है।

कुछ सेकेंड की वीडियो में भारी भीड़ को देख कर कहा जाता है कि पंजाब के नौजवानों को देख सकते हैं जिन्हें नशेड़ी कहा गया, वो आज मोदी तक पहुँच गए हैं।

इसके बाद दूसरी वीडियो में साफ-साफ तिरंगे का अपमान होते देखा जा सकता है। वीडियो बनाने वाला पहले तो तिरंगे को देख कर गंदी गाली देता है। फिर उन प्रदर्शनकारियों की ओर बढ़ता है जिनके हाथ में खालसा का झंडा होता है। आगे के विजुअल्स में तिरंगे को जमीन पर पड़ा, गाड़ी के नीचे दबा देखा जा सकता है जबकि हाथों में खालसा का झंडा चारों ओर नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि इससे पहले कई बार खालिस्तानियों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया, लेकिन हर दफा ये कहकर इन बातों को खारिज कर दिया गया कि जबरदस्ती इस मुद्दे को खालिस्तान से जोड़ा जा रहा है। बेवजह मासूम किसानों को बदनाम किया जा रहा है। मगर, सामने आई दोनों वीडियो दिखाती हैं कि न तो ये प्रदर्शन का कोई वाजिब मकसद है और न ही ये विरोध कृषि कानून पर है।

मामले को तूल देकर हिंसक प्रदर्शन करना भीड़ का एकमात्र एजेंडा लग रहा है। पिछले दिनों भी यही कारनामा 26 जनवरी पर राष्ट्रीय राजधानी में देखने को मिला और अब भी यही हो रहा है। इससे पहले प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ)’ ने ऐलान किया था कि जो भी दिल्ली के लाल किला पर खालिस्तानी झंडा फहराएगा, उसे 2.5 लाख डॉलर (1.83 करोड़ रुपए) इनाम के रूप में दिए जाएँगे। उसके बाद इसी संगठन द्वारा 1 फरवरी को संसद पर कब्ज़ा और घेराव की धमकी दी गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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