पश्चिम बंगाल के मालदा में एक युवा पुजारी के नेतृत्व में हिन्दुओं के एक दल ने विवादित ‘अदीना मस्जिद’ परिसर के भीतर पूजा की। यह पूजा शनिवार (17 फरवरी, 2024) को की गई। इस युवा पुजारी का नाम हिरनमॉय गोस्वामी है।
गोस्वामी ने भारतीय पुरातव सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित विवादित अदीना मस्जिद का दौरा किया था। यहाँ उन्होंने शिवलिंग और अन्य हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी देखी थी। इसके बाद उन्होंने अपने कुछ अनुयायियों के साथ यहाँ पर पूजा और मंत्रोच्चार चालू कर दिया।
गोस्वामी और अन्य हिन्दुओं के पूजा-पाठ से इलाके के मुस्लिमों को समस्या हो गई। उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। यहाँ पर गोस्वामी को रोकने के लिए सब इंस्पेक्टर नवीन चन्द्र पोद्दार पहुँच गए। गोस्वामी को पोद्दार ने बताया कि वह इस विवादित मस्जिद में पूजा-अर्चना नहीं कर सकते। इससे दोनों पक्षों में गहमागहमी बढ़ गई। हिरनमॉय गोस्वामी ने पूजा रोके जाने को लेकर पुलिस अधिकारी से प्रश्न पूछने चालू कर दिए।
गोस्वामी ने पुलिस अधिकारी पोद्दार से पूछा कि आखिर उनका अपराध क्या है? पोद्दार ने इस पर कहा, “तुम्हारा अपराध ये है कि तुम जहाँ चाह रहे हो वहाँ पर प्रणाम कर रहे हो, ये यहाँ नहीं हो सकता।” उनकी इस टिप्पणी पर विवाद हो गया। यहाँ पूजा करने वाले गोस्वामी वृन्दावन में विश्वविद्या ट्रस्ट के भी मुखिया हैं। गोस्वामी ने पुलिस अधिकारी पोद्दार से कहा कि जब यहाँ उन्हें मूर्तियाँ दिख रही हैं तो भला वह पूजा क्यों नहीं कर सकते?
उन्होंने कहा, “मुझे वो आदेश दिखाओ जिसमें यह लिखा हो कि मैं यहाँ प्रणाम नहीं कर सकता। मैं तो यहीं प्रणाम करूँगा। तुम क्या कर लोगे? क्या तुम्हारे पास ये अधिकार है कि मुझे यहाँ से बाहर जाने के लिए बोलो।” इसके बाद हिन्दुओं ने लिखित आदेश दिखाने की माँग की कि यहाँ उनका आना वर्जित है।
इस मामले में ASI ने हिरनमॉय गोस्वामी के विरुद्ध FIR मालदा के एक पुलिस थाने में दर्ज करवाई है। एक पुलिस अधिकारी ने इस विषय में द टेलीग्राफ को बताया, “हमने ASI की शिकायत के आधार पर एक FIR दर्ज कर ली है।” यह भी बताया गया है कि इस इलाके में पुलिस की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है।
गौरतलब है कि जिस विवादित मदीना मस्जिद के भीतर यह पूरा विवाद हुआ है, उसका निर्माण इस्लामिक आक्रान्ता सुल्तान सिकंदर शाह ने 1369 में हिन्दू और बौद्ध मंदिरों को तोड़ कर करवाया था। इससे पहले मई 2022 में भाजपा नेता रतीन्द्र बोस ने कहा था कि इस विवादित मस्जिद के नीचे ‘आदिनाथ मंदिर‘ है। उन्होंने एक ट्वीट में यह बताया था कि इसके लिए जीतू सरदार ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।
1.2 এই আদিনা মসজিদের তলাতেই ঘুমিয়ে রয়েছে আদিনাথ মন্দির। এই মন্দির উদ্ধারে প্রাণ দেন জিতু সর্দার। সেই ইতিহাস অনেকেরই অজানা। ইংরেজ ও মুসলিম শাসকদের হাত থেকে মন্দির রক্ষা করতে গিয়ে শহীদ হন তিনি।
— Rathindra Bose (@rathindraOFC) May 30, 2022
उन्होंने बताया था, “जीतू सरदार की मौत इस मंदिर को मुस्लिम और अंग्रेज शासकों से बचाते हुए हुई थी। यह मामला मेरे मन में कई बार जब मैंने यहाँ स्थानीय विधायक चिन्मोय देब बर्मन के साथ यात्रा की। काशी के भगवान विश्वनाथ अपने स्थान पर वापस आ गए हैं, क्या अब भगवान आदिनाथ का मौक़ा है?”