Sunday, November 17, 2024
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औरतों को सरेआम पड़ेंगे कोड़ें, पत्थर मार-मारकर दी जाएगी मौत: तालिबान ने जारी किया फरमान, बोला- हम सिर्फ चाय पीने नहीं आए, अब शरिया लागू होगा

तालिबान सुप्रीमो ने कहा कि ये जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लोग महिलाओं के अधिकार की बातें करते हैं वो तालिबान द्वारा माने जाने वाले इस्लामी शरिया लॉ से मेल नहीं खाता। महिलाओं के अधिकार की बातें इस्लामी शरिया लॉ के खिलाफ है।

अफगानिस्तान में तालिबान अपना खौफनाक रूप लेने को तैयार है। खबरों में बताया जा रहा है कि दोबारा से वहाँ महिलाओं को बीच सड़क पर कोड़े और पत्थर मार मारकर खत्म कर देने वाला कानून चालू होने वाला है।

खबरों के अनुसार ऐसा ऐलान तालिबान सुप्रीमो मुल्ला हिबातुल्लाह अखूनजादा ने एक वॉयस मैसेज जारी करते हुए किया है। इसमें उसने पश्चिमी देशों को संबोधित करते हुए कहा है कि वो लोग पश्चिमी लोकतंत्र के विरुद्ध लड़ाई लड़ते रहेंगे। अखूनजादा ने कहा कि ये जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लोग महिलाओं के अधिकार की बातें करते हैं वो तालिबान द्वारा माने जाने वाले इस्लामी शरिया लॉ से मेल नहीं खाता।

उसने कहा, “क्या महिलाएँ वे अधिकार चाहती हैं जिनके बारे में पश्चिमी लोग बात कर रहे हैं? वे शरिया और हमारी राय के खिलाफ हैं, हमने पश्चिमी लोकतंत्र को उखाड़ फेंका है। जल्द ही हम एडल्ट्री के लिए सजा लागू करेंगे जहाँ महिलाओं द्वारा व्यभिचार मामले में पकड़े जाने पर उन्हें कोड़े मार मारकर मार दिया जाता है।”

तालिबानी नेता मुल्ला हिबातुल्ला अखुंदजादा कहा, “मैंने मुजाहिद्दीन से कहा कि हम पश्चिमियों को कहेंगे कि हमने 20 साल उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी और आगे भी 20 साल लड़ेंगे। ये तुम्हारे जाने से खत्म नहीं हुआ। हम यहाँ सिर्फ बैठकर चाय नहीं पीएँगे। हम शरिया लाएँगे। काबूल कब्जाने पर ये समाप्त नहीं हुआ। अब हम शरिया को लागू करेंगे। तुम कहते हो ये महिलाओं के अधिकार का उल्लंघन है, पर हम व्यभिचार मामले में सजा देंगे। महिलाओं को सरेआम कोड़े मारेंगे। पत्थर मार मारकर उन्हें खत्म कर देंगे।”

बता दें कि साल 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर दोबारा से अपना शासन शुरू किया था। जिन लोगों को आजादी छिनने का डर था वो भागते हुए दूसरे देशों में शरण लेने चले गए और जो वहाँ बचे उन्हें दोबारा वही जीवन जीना शुरू करना पड़ा जो दशकों पहले तालिबान राज में जीते थे। महिलाओं का बिन बुर्के निकलना बैन हो गया। को-एड की व्यवस्था खत्म कर दी गई। अब महिलाएँ वहाँ सिर्फ अंधकार में हैं। महिलाएँ कहती हैं कि वो तालिबान के राज में बिन किसी गुनाह के जेल में हैं। जहाँ बात न मानने पर जिंदगी से हाथ धोना पड़ सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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