Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाज'एक आदमी (शाहजहाँ शेख) को बचाने के लिए क्यों आ रहे?': ममता सरकार को...

‘एक आदमी (शाहजहाँ शेख) को बचाने के लिए क्यों आ रहे?’: ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, संदेशखाली मामले में नहीं चाहती थी CBI जाँच

सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की CBI जाँच को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा टिप्पणी की, "आखिर राज्य एक याचिकाकर्ता बन कर एक आदमी के हितों को बचाने के लिए क्यों आ रहा है?" यह टिप्पणी जस्टिस बी आर गवई ने की।

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के मामले में सीबीआई जाँच पर रोक लगाने की माँग वाली याचिका को लेकर बंगाल सरकार की खूब किरकिरी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की संदेशखाली सम्बन्धित CBI जाँच को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा टिप्पणी की, “आखिर राज्य एक याचिकाकर्ता बन कर एक आदमी के हितों को बचाने के लिए क्यों आ रहा है?” यह टिप्पणी जस्टिस बी आर गवई ने की।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गर्मी को छुट्टियों के बाद सुनने का निर्णय किया है। सुप्रीम कोर्ट से बंगाल सरकार ने अपील की थी कि इसे बाद में सुना जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका के लंबित होने का फायदा किसी और मामले में नहीं उठाया जाएगा। इस बात को लेकर बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने रजामंदी दी।

सुप्रीम कोर्ट में बंगाल सरकार ने संदेशखाली मामले में CBI जाँच को रोकने की माँग की थी। इसको लेकर एक याचिका लगाई गई थी। बंगाल सरकार ने यह याचिका कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध डाली थी, हाई कोर्ट ने संदेशखाली में जमीन हडपने और यौन शोषण के आरोपों की जाँच CBI को करने का आदेश दिया था।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन शोषण के आरोपों को लेकर जाँच के निष्पक्ष हो, इसके लिए बंगाल सरकार को CBI को सहयोग देने को कहा था। इसके बाद संदेशखाली मामले की जाँच राज्य पुलिस के हाथों से CBI के पास आ गई थी।

गौरतलब है कि जनवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम संदेशखाली में स्थानीय तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता शाहजहाँ शेख से पूछताछ करने गई थी। यह पूछताछ राशन घोटाला मामले में होनी थी। इस टीम पर शाहजहाँ के गुंडों ने हमला कर दिया था। इस हमले में कई अधिकारी घायल हो गए थे।

इसके एक माह बाद संदेशखाली की पूरी सच्चाई बाहर आनी चालू हुई थी। संदेशखाली की महिलाओं ने बताया था कि शाहजहाँ शेख और उसके आदमी महिलाओं का यौन शोषण करते थे। इसके अलावा शाहजहाँ शेख ने यहाँ के कई लोगों की जमीन हथियाई हुई थी।

वह उनकी जमीन पर मछली पालता था। लोगों को जमीन का ना उचित पैसा दिया गया था और ना ही उन्हें मजदूरी मिलती थी। अपना पैसा माँगने पर लोगों को मारने की धमकी मिलती थी। यह पूरा मामला सामने आने के बाद शाहजहाँ शेख को गिरफ्तार कर लिया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -