Saturday, September 21, 2024
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G-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली पहुँचे PM मोदी: मेलोनी, मैक्रों समेत विश्व के कई नेताओं से करेंगे मुलाकात, बोले- अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर आज जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी इटली के अपुलिया में आयोजित ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) शिखर सम्मेलन में भाग लेने इटली पहुँच चुके हैं। ब्रिंडिसि हवाई अड्डे पर इटली में भारत के राजदूत वाणी राव और अन्य अधिकारियों ने पीएम मोदी का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुँचा। विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।”

जानकारी के मुताबिक, इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर आज जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे। साथ ही पीएम मोदी की मुलाकात विश्व के अन्य नेताओं से भी होगी।

सामने आए शेड्यूल के हिसाब से वह आज दोपहर 2.15 से 2.40 बजे तक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वह इसके बाद 2.40-3 बजे तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ वार्ता करेंगे। इसके बाद वो जी-7 में शामिल होंगे। वहाँ पहले उनका इटली पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ वेलकम शूट होगा फिर आउटरीच सत्र शुरू होगा। बाद में पीएम मोदी जर्मनी चांसलर ओलाफ स्कॉलज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके बाद उनकी पीएम मेलोनी के साथ बी द्विपक्षीय वार्ता होगी। उनके बाद वह जापान के पीएम किशिदा के साथ बैठक करेंगे और फिर रात का खान होगा।

बता दें कि जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इस बार इनकी मेजबानी का जिम्मा इटली का है। ऐसे में इटली ने इस समिट में शामिल होने के लिए भारत को आमंत्रित किया और साथ ही साथ अफ्रीका, दक्षिण अफ्रिका, हिंद प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों को इनवाइट भेजा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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