Friday, November 15, 2024
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भारतीय सेना ने भी बता दिया राहुल गाँधी कितने बड़े झूठे, कहा- बलिदानी ‘अग्निवीर’ अजय कुमार के परिवार को दिए ₹98.39 लाख, ₹67 लाख और मिलेंगे

अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून, 2022 को की गई थी। इसमें 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को केवल चार साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान किया गया था, जिनमें से 25 प्रतिशत को आगे 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है।

भारतीय सेना ने राहुल गाँधी और उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि वीरगति को प्राप्त होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं दी गई। सेना ने बताया है कि पंजाब के बलिदानी अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को 98 लाख रुपए दिए जा चुके हैं, तो 67 लाख रुपए की धनराशि उनके परिवार को देने की प्रक्रिया अभी जारी है। बता दें कि राहुल गाँधी ने आरोप लगाया था कि अग्निवीरों के परिजनों को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है। उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पर देश को गुमराह करने के भी आरोप लगाए थे। हालाँकि भारतीय सेना ने राहुल गाँधी के आरोपों की पोल खोल दी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना की ओर से जारी बयान को री-ट्वीट किया है और कहा, “भारतीय सेना अग्विनीरों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।” रक्षा मंत्री ने राहुल गाँधी को सदन में भी फटकारा था। उन्होंने कहा था कि राहुल गाँधी को ऐसी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। वहीं, अब सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया है कि अग्निवीर के परिजनों को मुआवजे के तौर पर अब तक 98 लाख रुपए दिए जा चुके हैं।

सेना ने एक्स पर पोस्ट किया, “कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले अग्निवीर अजय कुमार के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसे दावे बिल्कुल निराधार हैं। भारतीय सेना अग्निवीर अजय कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है। उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अग्निवीर अजय के परिवार को कुल देय राशि में से 98.39 लाख रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।” सेना की ओर से कहा गया है कि इसके अलावा उनके परिवार को 67 लाख रुपये की राशि और दी जाएगी, इसके बाद कुल राशि करीब 1.65 करोड़ रुपए हो जाएगी।

नौशेरा में वीरगति को प्राप्त हुए थे अग्निवीर अजय सिंह

पंजाब के लुधियाना जिले के खन्ना के रहने वाले अग्निवीर अजय सिंह 23 जनवरी, 2024 को जम्मू-कश्मीर में बलिदान हो गए थे, उनकी उम्र महज 23 साल थी। केंद्रशासित प्रदेश के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एक बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट की चपेट में आने से वो वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके परिवार में माता-पिता और 4 बहनें हैं। लोकसभा चुनाव से पहले दाखा की दाना मंडी में रैली को संबोधित करने के बाद राहुल गाँधी खन्ना आए और फिर अचानक गाँव रामगढ़ सरदारा में अग्निवीर बलिदानी अजय कुमार के घर पहुँचे थे।

राहुल गाँधी ने भी किया झूठा दावा

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अग्निवीर अजय सिंह के परिवार को कोई मुआवजा या राहत राशि नहीं मिली है। वहीं, राहुल गाँधी ने एक्स पर दावा करते हुए कहा कि संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने झूठ बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वीडियो शेयर करते हुए राजनाथ सिंह से माफी माँगने को भी कहा था। राहुल गाँधी ने कहा, “संसद में मैंने कहा कि सत्य की रक्षा हर धर्म का आधार है। जवाब में राजनाथ सिंह ने शिव जी के फोटो के सामने पूरे हिंदुस्तान को, देश की सेना को और अग्निवीरों को कंपेनसेशन के बारे में झूठ बोला।”

राहुल ने कहा कि अजय सिंह के पिता ने मेरे और रक्षा मंत्री के भाषण सुनने के बाद कहा कि राजनाथ सिंह ने सदन में जो कहा, उसके अनुसार हमें न कोई पैसा नहीं मिला और न ही कोई मैसेज आया। राहुल गाँधी ने आगे कहा कि रक्षा मंत्री ने संसद में शहीद अजय सिंह के परिवार से, सेना से और देश के युवाओं से झूठ बोला है। रक्षा मंत्री को इन सबसे माफी माँगनी चाहिए।

राहुल गाँधी के बयान का रक्षा मंत्री ने ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के अग्रिवीर के परिवार ने भी उनके दावे का खंडन किया है। महाराष्ट्र के बलिदानी अग्निवीर अक्षय गवटे के परिवार ने कहा है कि उन्हें सरकार से 1.08 करोड़ रुपये की सहायता मिली है। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में पिंपलगांव सराय के मूल निवासी अग्निवीर अक्षय गवटे 21 अक्टूबर 2023 को सियाचिन में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। अक्षय के पिता लक्ष्मण गवटे ने सोमवार (2 जुलाई 2024) को पत्रकारों से कहा कि अक्षय की मौत के बाद परिवार को ‘‘बीमा कवर के रूप में 48 लाख रुपए, केंद्र सरकार से 50 लाख रुपए और राज्य सरकार से 10 लाख रुपए मिले।’’

साल 2022 से लागू है अग्निपथ योजना

गौरतलब है कि अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून, 2022 को की गई थी। इसमें 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को केवल चार साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान किया गया था, जिनमें से 25 प्रतिशत को आगे 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है। सरकार ने बाद में ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया। इस योजना का राजनीतिक विरोध काफी किया गया। अब भी इंडी गठबंधन कहता है कि वो सत्ता में आएगी तो अग्निपथ योजना को बंद कर देगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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