सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद (MBS) का एक बयान वायरल हो रहा है। इसमें कथित तौर पर दावा किया गया है कि मुहम्मद बिन सलमान ने महिलाओं के कपड़ों चुनने की आजादी का समर्थन किया है। उनका बयान ”केवल महिलाएँ ही तय कर सकती हैं कि उन्हें क्या कपड़े पहनना है।” के तौर पर प्रचारित हो रहा है।
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और मिस यूनिवर्स में भाग ले रही सऊदी अरब की पहली महिला रूमी अलकाहतानी की तस्वीरों के साथ यह बयान पोस्ट किया है। इन पोस्ट में लिखा गया है “MBS ने घोषणा की है कि अब से, सऊदी अरब में महिलाएँ पुरुषों की इजाजत के बिना अपनी पसंद के कपड़े पहन सकती हैं।”
Prince Mohammed bin Salman:
— Europe Invasion (@EuropeInvasionn) July 27, 2024
“From now on, women in Saudi Arabia can dress however they want without male permission.” pic.twitter.com/Af8G5hPOT9
ऐसा ही पोस्ट करने वाले ‘डॉ मालौफ’ नाम के एक यूजर की पोस्ट पर लोगों ने ‘कम्युनिटी नोट्स’ का इस्तेमाल किया। इसमें इस पोस्ट का खंडन करते हुए बताया गया कि असल में मोहम्मद बिन सलमान क्या कह रहे थे। नोट के अनुसार, मोहम्मद बिन सलमान ने ऐसी कोई बात नहीं की है। मोहम्मद बिन सलमान ने केवल इतना कहा कि इस्लामी कानून काले अबाया या काले हिजाब को जरूरी नहीं मानते। लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि महिलाएँ जो चाहें पहन सकती हैं।
BREAKING: From now on, women in Saudi Arabia can dress however they want without male permission.
— UGO & ThĚ Bíg Stéppêrs (@UGOOTWEETS) July 27, 2024
– Prince Mohammed bin Salman pic.twitter.com/dC4si1knqb
नोट में कहा गया, “इसकी शुरुआत इस तरह से होती है कि शरिया के कानून बहुत साफ हैं और इसमें लिखा है कि महिलाएँ पुरुषों की तरह सभ्य, सम्मानजनक कपड़े पहनें। हालाँकि, इसमें अलग से काले अबाया या काले सिर स्कार्फ का उल्लेख नहीं है।”
Prince Mohammed bin Salman: "From now on, only Saudi Arabian women can decide what clothes Saudi Arabian women wear." pic.twitter.com/Fgu2wZgSoj
— Azat (@AzatAlsalim) February 26, 2024
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर की पोस्ट पर भी ‘कम्युनिटी नोट्स’ लगे गए, इसने भी यही दावा किया था। इसमें लिखा गया, “क्राउन प्रिंस ने 2018 में यह बात कही थी, उनका कहना है कि महिलाओं को इस्लाम में बताए गए कपड़ों की बड़ी रेंज में से कुछ भी पहनने का अधिकार है। इसमें पोस्ट में दिखाने जाने वाले दूसरे या मॉडर्न कपड़ों का कोई लेनादेना नहीं है।”
असल में जो बात 2024 में वायरल हो रही है वह उन्होंने अमेरिकी नेटवर्क CBS न्यूज़ के साथ उनके 2018 में कही थी। उनके बयान को अब गलत तरीके से समझा जा रहा है, क्योंकि जब उन्होंने महिलाओं के खुद के कपड़े चुनने के बारे में बात की, तो उन्होंने पुरुषों की अनुमति के बिना कुछ भी पहनने की बात को लेकर कुछ नहीं कहा।
मुहम्मद बिन सलमान का असल बयान था, “शरिया के कानूनों में कानून बहुत साफ कि महिलाएँ पुरुषों की तरह सभ्य, सम्मानजनक कपड़े पहनें। हालाँकि, इसमें अलग से काले अबाया या काले सिर को ढंकने के बारे में नहीं लागू होता। यह पूरी तरह से महिलाओं की इच्छा है कि वह किस प्रकार का सभ्य और सम्मानजनक कपड़े पहनना पसंद करती हैं।”
यह बयान पत्रकार नोरा ओ’डॉनेल द्वारा के सवाल के जवाब में था। उन्होंने पूछा था, “आपने कहा है कि आप ‘सऊदी अरब को वापस उसी जगह ले जा रहे हैं, जो हम पहले था। यानी एक उदारवादी इस्लामी देश, इसका क्या मतलब है।”
मुहम्मद बिन सलमान ने इस पर कहा था, “हमारे यहाँ कट्टरपंथी हैं जो महिलाओं और पुरुषों के बीच घुलने-मिलने पर रोक लगाते हैं और एक पुरुष और एक महिला के बीच अकेले और ऑफिस में उनके साथ होने के बीच अंतर नहीं कर पा रहे। इनमें से कई के विचार पैगंबर और खलीफाओं के समय के जीवन के खिलाफ हैं।”
गौरतलब है कि सऊदी अरब में ही इस्लाम के दो सबसे पवित्र शहर, मक्का और मदीना हैं। सख्त सामाजिक और धार्मिक नियंत्रण लंबे समय से सऊदी अरब के समाज का हिस्सा रहा है जो अरब प्रायद्वीप का सबसे बड़ा देश है। सऊदी अरब ने हाल ही में महिलाओं को कार चलाने की अनुमति दी है सिनेमाघर खोल रहा है म्यूजिक शो आयोजित कर रहा है।