Sunday, November 24, 2024
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आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह की मौत पर बिहार में कैंडल मार्च, जुम्मे की नमाज के बाद मातमी सभा: बताया- सदी का सबसे बड़ा शहीद

इससे पहले लखनऊ से लेकर कश्मीर तक नसरल्लाह की मौत पर मातम मनाया गया। लखनऊ में तो इसको लेकर तीन दिन का शोक तक रख दिया गया है। नसरल्लाह की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद रुहुल्लाह मेहदी ने अपने चुनाव प्रचार को रोक दिया।

मध्य-पूर्वी मुल्क लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह के मारे जाने के बाद जुम्मे की नमाज (शुक्रवार की नमाज) के दौरान देश के कई हिस्सों में कट्टरपंथियों ने उसे श्रद्धांजलि दी। बिहार के छपरा और मुजफ्फरनगर सहित विभिन्न जगहों पर इस्लाम के शिया फिरके से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने आंतकी नसरल्लाह की मौत पर मातम मनाया गया।

हिजबुल्लाह चीफ की याद में शुक्रवार (4 अक्टूबर 2024) को छपरा के दहियावाँ स्थित शिया इमामबाड़ा में मातमी सभा का आयोजन किया गया। रात की नमाज के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें शिया समुदाय के लोगों ने हाथों में तख्ती और आतंकी नसरल्लाह की तस्वीर लेकर उसे श्रद्धांजलि श्रद्धांजलि दी।

इमामबाड़ा में नसरल्लाह की तस्वीर के सामने कैंडल जलाकर फतिहा पढ़ा गया। शिया मस्जिद के मुख्य मौलवी सैयद मासूम रजा ने कहा, “नसरल्लाह ने अपने समुदाय के लोगों के लिए शहादत दी है। वो दहशतगर्द वाले जिहादी नहीं थे। वो गरीब लोगों की लड़ाई लड़ रहे थे। इंसाफ वाले जिहादी थे।” मातमी सभा में नसरल्लाह और उसकी बेटी को सदी का सबसे बड़ा शहीद कहा गया।

वहीं, मुजफ्फरपुर में हसन नसरल्लाह की मौत और उसे आतंकी कहने पर शिया समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। शिया धर्मगुरु सैयद मोहम्मद काज़ीम शबीब के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिया समुदाय के मुस्लिमों ने कमरा मोहल्ला इमाम चौक से सरैयागंज टावर तक कैंडल मार्च निकाला।

इस दौरान आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरल्लाह की तस्वीरें हाथों में लेकर इजरायल के खिलाफ जमकर नारेबाजी। उन्होंने नसरल्लाह को शहीद बताया। मौलाना काज़ीम शबीब ने कहा कि नसरल्लाह इजराइल के खिलाफ लड़ रहे थे। उन्हें सब आतंकवादी कह रहे हैं, जो कि बेहद गलत है।

इससे पहले लखनऊ से लेकर कश्मीर तक नसरल्लाह की मौत पर मातम मनाया गया। लखनऊ में तो इसको लेकर तीन दिन का शोक तक रख दिया गया है। नसरल्लाह की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद रुहुल्लाह मेहदी ने अपने चुनाव प्रचार को रोक दिया।

यह विरोध और मातमपुरसी सिर्फ उत्तर प्रदेश, बिहार, कश्मीर या अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई की एक मस्जिद में भी नसरल्लाह के पोस्टर लगा दिए गए और श्रद्धांजलि दी गई।

बता दें कि 27 सितंबर 2024 को इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर 80 टन बम से हमला किया था। इसमें हसन नसरल्लाह मारा गया था। जिस समय यह हवाई हमला हुआ, उस समय नसरल्लाह दक्षिणी बेरूत में हिजबुल्लाह के अंडरग्रांउड हेडक्वॉर्टर में शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर रहा था।

इजरायल ने पिछले 2 महीने में हिजबुल्लाह की पूरी लीडरशिप को खत्म कर दिया है। इससे पहले 30 जुलाई को उसने हिजबुल्लाह के दूसरे सबसे सीनियर लीडर फुआद शुकर को मार गिराया था। इसके अगले दिन यानी 31 जुलाई को ईरान में आतंकी संगठन हमास के चीफ इस्माइल हानियाह को मार दिया था। अब हिजबुल्लाह में कोई सीनियर नेता नहीं बचा है। वहीं हमास की लीडरशिप में सिर्फ याह्या सिनवार जीवित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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