Friday, October 18, 2024
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रेल पटरी से तोड़फोड़, इसलिए खड़ी मालगाड़ी से टकराई बागमती एक्सप्रेस? NIA को साजिश का शक, उत्तराखंड के रुड़की में ट्रैक पर मिला गैस सिलेंडर

एनआईए को शक है कि ट्रैक से बोल्ट और अन्य हिस्से गायब थे और संभवतः ट्रैक पर हथौड़े से छेड़छाड़ की गई थी। एनआईए ने दुर्घटनास्थल का दो बार निरीक्षण किया और जाँच के दौरान यह पाया कि ट्रेन लूप लाइन में जाकर मालगाड़ी से टकराई, जबकि उसे मुख्य लाइन पर जाना था।

तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में शुक्रवार शाम मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टकराने के बाद हुए हादसे की जाँच ने तोड़फोड़ की आशंका को जन्म दिया है। इस घटना में 13 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और 19 यात्री घायल हो गए थे। शुरुआती जाँच में यह सामने आया कि रेल ट्रैक से कुछ महत्वपूर्ण हिस्से, जैसे बोल्ट और अन्य उपकरण, गायब थे। एनआईए (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) को शक है कि ट्रैक के साथ हथौड़े से छेड़छाड़ की गई हो सकती है। यह जाँच इसलिए भी अहम है क्योंकि ऐसा ही हादसा 2023 में बालासोर में हुआ था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हादसा चेन्नई से 46 किलोमीटर दूर कावारापेट्टई स्टेशन के पास हुआ, जब मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस मुख्य लाइन की बजाय गलती से लूप लाइन में चली गई और वहाँ खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए और मालगाड़ी के पार्सल वैन में आग लग गई। हालांकि, कोई जनहानि नहीं हुई क्योंकि मालगाड़ी खाली थी और पैसेंजर ट्रेन के एलएचबी डिब्बे सुरक्षित साबित हुए।

दक्षिण रेलवे के अनुसार, ट्रेन ने पोननेरी स्टेशन से सही सिग्नल के साथ मुख्य लाइन की ओर बढ़ने की कोशिश की थी, लेकिन अचानक जोर का झटका महसूस हुआ और ट्रेन लूप लाइन में चली गई। इस टक्कर के बाद रेलवे ने उच्च-स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं।

एनआईए ने शुरू की जाँच

इस हादसे के 18 घंटों के भीतर एनआईए ने दो बार घटना स्थल का निरीक्षण किया। एनआईए के पुलिस अधीक्षक श्रीजित टी ने शनिवार (12 अक्टूबर 2024) शाम को दुर्घटनास्थल का दौरा किया और रेलवे अधिकारियों से इंटरलॉक सिस्टम के बारे में जानकारी ली। शुरुआती जाँच में संकेत मिले हैं कि सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैक पर छेड़छाड़ की गई हो सकती है। एनआईए और रेलवे सुरक्षा आयुक्त यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सिग्नल गियर और कनेक्टिंग रॉड्स के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की गई थी।

हालाँकि, इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन कॉन्ग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल ने एनआईए की जाँच पर सवाल उठाते हुए इसे “ध्यान भटकाने की कोशिश” कहा है। हादसे के बाद रेल सेवाओं में भारी बाधा आई, जिससे चेन्नई-विजयवाड़ा सेक्शन पर लगभग 40 ट्रेनें डायवर्ट और कई ट्रेनें रद्द की गईं। दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर एन सिंह ने कहा कि लोको पायलट पोननेरी स्टेशन तक सही सिग्नल का पालन कर रहा था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह लूप लाइन में क्यों चला गया। इस घटना में 19 लोग घायल हुए, जिनमें से सात का इलाज चल रहा है।

इस हादसे के बाद करीब 1,200 यात्रियों को ईएमयू ट्रेन से चेन्नई सेंट्रल लाया गया। रेलवे ने अब प्राथमिकता के आधार पर ट्रैक शुरू करने का काम चल रहा है। इसका वीडियो भी सामने आया है।

रुड़की के पास रेलवे ट्रैक पर मिला खाली सिलेंडर

उत्तराखंड में रुड़की के पास एक मालगाड़ी के लोको पायलट ने रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर पाए जाने की सूचना दी। यह घटना रुड़की स्टेशन (आरके) से लंढौरा (एलडीआर) और धनधेरा (डीएनआरए) के बीच, किलोमीटर 1553/01 पर हुई। लोको पायलट ने सुबह 06:35 बजे स्टेशन मास्टर को सूचित किया कि ट्रैक पर एक सिलेंडर पड़ा हुआ है, जो धनधेरा स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर दूर था। पॉइंट्समैन मौके पर तुरंत पहुँचा और पाया कि सिलेंडर पूरी तरह से खाली था। इसके बाद सिलेंडर को धनधेरा स्टेशन मास्टर की निगरानी में सुरक्षित रखा गया।

स्थानीय पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (जीआरपी) को इस बारे में जानकारी दी गई है। मामला दर्ज करने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन (सिविल लाइंस, रुड़की) में एफआईआर दर्ज की जा रही है। घटना की जाँच चल रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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